Home ख़ास खबरें India-Canada Row: भारत की बढ़ती साख! Temple Violence मामले में Justin Trudeau...

India-Canada Row: भारत की बढ़ती साख! Temple Violence मामले में Justin Trudeau का बदला रूख; खालिस्तानी उग्रवादी गिरफ्तार

India-Canada Row: भारत-कनाडा तनाव के बीच Justin Trudeau सरकार ने हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले मामले में बड़ी कार्रवाई है। ट्रूडो सरकार के निर्देश पर कनाडाई पुलिस ने चौथे खालिस्तानी को गिरफ्तार कर लिया है।

0
India-Canada Row
सांकेतिक तस्वीर

India-Canada Row: भारत-कनाडा तनाव (India-Canada Row) के बीच पीएम जस्टिन ट्रूडो का रवैया तेजी से बदलता नजर आ रहा है। इसे वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर (Hindu Sabha Mandir) पर हुए खालिस्तानी हमले के बाद ट्रूडो सरकार सवालों के घेरे में आई। इस घटनाक्रम ने कनाडा सरकार को कटघरे में खड़ा किया और उन पर खालिस्तानियों के साथ नरम रूख अपनाने का आरोप लगा।

हालांकि, अब ट्रूडो (Justin Trudeau) सरकार इन आरोपों से इतर खालिस्तानी उग्रवादियों पर कार्रवाई करती नजर आ रही है। सरकार के निर्देश पर कनाडाई पुलिस (Canada Police) ने आज इसी क्रम में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले में शामिल चौथे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि कनाडाई पुलिस का ये कदम भारत की बढ़ती साख और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पीएम ट्रूडो के सवालों में घिरने का असर है।

India-Canada Row- Justin Trudeau सरकार की बड़ी कार्रवाई!

भारत-कनाडा (India-Canada Row) के बीच बढ़ते तल्खियों के दौर में कनाडाई पीएम का रवैया बदलता नजर आ रहा है। कनाडाई शासन के निर्देश पर पील पुलिस ने खालिस्तानी कट्टरपंथी इंद्रजीत गोसाल को गिरफ्तार किया है। गोसाल पर हिंदू सभा मंदिर परिसर में हुए हमले में शामिल होने और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लगे हैं। पील पुलिस का कहना है कि वीडियो के आधार पर इंद्रजीत गोसाल की भूमिका पर गहन जांच हो रही है। फिलहाल गोसाल को शर्तों के साथ रिहा कर ब्रैम्पटन में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

हिंदू सभा मंदिर को बनाया था निशाना

कनाडा में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों ने बीते दिनों ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर को निशाना बनाया था। इस दौरान कनाडाई हिंदुओं और मंदिर में पूजा करने आए अन्य लोगों पर लाठी-डंडे भांजे गए थे। इस पूरे प्रकरण को लेकर ट्रूडो सरकार की खूब आलोचना हुई। उन पर खालिस्तानी समर्थकों को संरक्षण देने के आरोप भी लगे। कई सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी कनाडा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया गया। इसके बाद पीएम ट्रूडो की पुलिस हरकत में आई और एक के बाद एक कई आरोपियों को गिरफ्तार करने का काम किया।

Exit mobile version