India-China: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है। ये बात तो आप जानते ही होंगे। ऐसे में साल 2020 में जून महीने में हुए संघर्ष ने दोनों देशों के मध्य तनाव को और बढ़ा दिया। ऐसे में भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर इसके बाद अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। इसी बीच भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार अमेरिका का एक बड़ा बयान सामने आया है।
अमेरिका को चीन की मंशा पर संदेह
अमेरिका प्रशासन के एक बड़े अधिकारी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर एक बड़ा वकतव्या दिया है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए वार्ता का समर्थन करता है। मगर अमेरिका को इस बात के संकेत कम ही मिले हैं कि चीन भारत से तनाव दूर करने को लेकर गंभीर है।
बातचीत से सीमा विवाद हल करने का समर्थन
दरअसल, साउथ और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद पर अमेरिका अपने पुराने रुख पर कायम है। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के वार्तालाप से सीमा विवाद को हल करने का समर्थन करते हैं।
एलएसी पर चीन का बढ़ता दखल
सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि हालांकि, फिर भी इस बात के सबूत कम ही मिले हैं कि चीन भारत के साथ अपने सीमा विवाद को लेकर जारी वार्ताओं को लेकर गंभीर है। चीन सरकार इस मुद्दे पर अपनी मंशा साफ नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि हम जो वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि कि एलएसी पर देखते हैं वो इसके एकदम उलट है। चीन एलएसी के पास लगातार अपनी दखलअंदाजी को बढ़ा रहा है। अमेरिका एलएसी पर लगातार कड़ी निगरानी रख रहा है।
अमेरिका हमेशा भारत के साथ
डोनाल्ड लू ने कहा कि अमेरिका हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा। भारत हम पर भरोसा कर सकता है। हमने गलवान घाटी संघर्ष के दौरान अपनी दोस्ती दिखाई थी। हमने भारत के साथ अहम जानकारी और सैन्य उपकरणों के जरिए अपने रिश्तों को एक अवसर दिया था। हम आगे भी भारत के साथ खड़े रहेंगे।
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