India-China Relations: रूस के कजान (Kazav) शहर में आयोजित BRICS Summit 2024 में आज का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा है। दरअसल आज भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। इस दौरान भारत-चीन (India-China) के कई पहलुओं पर चर्चा हुई है।
दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच सकारात्मक माहौल में हुई इस बैठक का असर दोनों देशों के संबंधों (India-China Relations) पर पड़ेगा और एक नए और बेहतर संबंध का दौर शुरू हो सकेगा। इसके अलावा ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई मुलाकात पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है?
India-China Relations- PM Modi और Xi Jinping के बीच द्विपक्षीय वार्ता
रूस के कजान शहर में BRICS Summit के दौरान आज पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि “कज़ान में आपसे (पीएम मोदी) मिलना मेरे लिए खुशी की बात है। यह हमारे लिए पांच साल के समय में औपचारिक बैठक करने का पहला मौका है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं, प्रमुख विकासशील देश हैं और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण चरण में हैं।”
शी जिनपिंग ने ये भी कहा कि “दोनों देशों के लिए अधिक संचार और सहयोग करना, मतभेदों और असहमतियों को ठीक से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना भी महत्वपूर्ण है।”
PM Narendra Modi का बयान
कजान में शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी का खास बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि “हम 5 साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है। हम सीमा पर पिछले 4 वर्षों में उत्पन्न हुए मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।”
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि “मुझे यकीन है कि हमारी चर्चा रचनात्मक होगी और इसका असर आगामी समय में दोनों देशों के संबंध (India-China Relations) पर पड़ेगा।”
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात Pakistan के लिए खतरे की घंटी?
पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात का असर पाकिस्तान पर क्या होगा? क्या दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई वार्ता पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है? इस तरह के कई सवाल सोशल मीडिया पर पूछे जा रहे हैं।
बता दें कि भारत का विरोध करने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) सदैव ही चीन के पक्ष में रहा है। वहीं आवश्यकतानुसार कर्ज हासिल करने के लिए भी पाकिस्तान को चीन का सहारा लेना पड़ता है। टिप्पणीकार पाकिस्तान की चीन (China) का अनुयायी तक बता देते हैं। ऐसे में चीन के लिए समर्पित रहने वाले पाकिस्तान के लिए पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग (PM Modi & Xi Jinping Bilateral Meets) की मुलाकात अहम बताई जा रही है और दावा किया जा रहा है कि भविष्य में पड़ोसी मुल्क पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।