Saturday, November 23, 2024
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Singapore Priest: इस भारतीय पुजारी को सिंगापुर में हुई 6 साल की जेल, गिरवी रख दी थी मंदिर की करोड़ों की ज्वेलरी

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Singapore Priest: सिंगापुर में एक भारतीय मूल के पुजारी को 6 साल की जेल हुई है। सिंगापुर के सबसे पुराने हिंदू मंदिर श्री मरिअम्मन की ज्वेलरी गिरवी रखने के आरोप में मंदिर के मुख्य पुजारी को ये सजा सुनाई गई है। 39 साल के भारतीय पुजारी ने मंदिर की 20 लाख सिंगापुरी डॉलर (12 करोड़ 39 लाख) से अधिक मूल्य की ज्वेलरी गिरवी रख दी थी।

कोर्ट ने पुजारी को सुनाई 6 साल की सजा

इस मामले में मंगलवार (30 मई) को सुनवाई हुई। कोर्ट ने आरोपी को 6 साल कैद की सजा सुनाई है। सिंगापुर के एक स्थानीय मीडिया चैनल से इस बात की जानकारी मिली है। आरोपी पुजारी का नाम कंडासामी सेनापति है। कंडासामी को दिसंबर 2013 से चाइनाटाउन जिले के श्री मरिअम्मन मंदिर में एक पुजारी के रूप में हिंदू धर्मादाय बोर्ड के तरफ से नियुक्त किया गया था। इसके बाद पुजारी ने 30 मार्च, 2020 को इस्तीफा दे दिया था।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

सिंगापुर चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार सेनापति ने धोखाधड़ी के दो आरोपों और अपराध करके हासिल की जाने वाली कमाई को देश से बाहर भेजने के दो आरोपों को कबूल किया है। सजा सुनाते समय अन्य छह आरोपों पर विचार किया गया। भारतीय नागरिक सेनापति के अपराध का खुलासा 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ। सेनापति ने 2016 में ज्वेलरी को गिरवी पर रखना शुरू किया। बाद में मंदिर के अन्य ज्वेलरी को गिरवी रखकर उससे हासिल किए गए पैसे का इस्तेमाल करके पहले से गिरवी रखे गए ज्वेलरी को छुड़ाया।

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172 दफा गिरवी रखी मंदिर की ज्वेलरी

सिंगापुर के स्थानीय खबरों में कहा गया है कि अकेले 2016 में ही सेनापति ने 172 बार मंदिर से सोने के 66 ज्वेलरी गिरवी पर रखे थे। उसने 2016 और 2020 के बीच कई बार इसी तरह की हरकतें की। सेनापति को 2016 से 2020 के बीच गिरवी रखने की दुकानों से 2,328,760 सिंगापुरी डॉलर मिले थे, जिसमें से उसने कुछ अपने बैंक खाते में जमा किए और लगभग 141,000 सिंगापुरी डॉलर भारत भेजे।

ऑडिट के दौरान पकड़ी गई चोरी

सिंगापुर में मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी चरम पर थी। उस वक्त देश में गैर-जरूरी गतिविधियों पर रोक लगाने वाले सर्किट ब्रेकर नियम के तहत ऑडिट में देरी हुई। हालांकि, जून 2020 में ऑडिट के दौरान सेनापति ने मंदिर की फाइनेंशियल टीम से कहा कि उसके पास खजाने की चाबी नहीं है और शायद वह भारत की यात्रा के दौरान घर पर चाबी भूल आया। हालांकि, सदस्यों के तरफ से ऑडिट पर जोर दिए जाने के बाद सेनापति ने अपना अपराध कबूलते हुए माना कि उसने ज्वेलरी गिरवी रखी हैं।

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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