Iran Israel War: इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध एक भयानक रूप ले रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागे थे। जिसके बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। वहीं आज भारतीय स्टोक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि सेंसेक्स 1.18% की तगड़ी गिरावट के साथ 83270.37 के स्तर पर ओपन हुआ, वहीं सेंसेक्स 1.05% फिसलकर 25527.10 के स्तर पर खुला। गौरतलब है कि ईरान- इजरायल युद्ध का असर अब विश्व स्तर पर देखने को मिल रहा है। भारत ही नहीं देश की कई देशों के शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर Iran Israel War होता है तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा। मालूम हो कि भारत कई देशों से 85 प्रतिशत का कच्चा तेल आयात करते है। इसके अलावा भारत इजरायल से भी बड़ी मात्रा में आयात और निर्यात करता है। चलिए आपको इस लेख के माध्यम से बताते है कि ईरान- इजरायल युद्ध पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका कितना असर पड़ेगा।
भारतीय स्टॉक मार्केट हुआ धड़ाम
बता दें कि Iran Israel War का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है। वहीं इसका असर भारतीय स्टॉक मार्केट पर जोरदार दिख रहा है। आज सेंसेक्स 1.18 प्रतिशत की तगड़ी गिरावट के बाद 83,270.37 के स्तर ओपन हुआ। वहीं निफ्टी में भी भारी गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी स्थिति ऐसी ही रह सकती है। अब सबसे बड़ा डर है कि अगर इजरायल ईरान पर हमला कर देता है तो आने वाले समय में भी शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
पीएम नेतन्याहू का अगला कदम क्या
द वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान द्वारा हमले के बाद इजरायल कोई बड़ा हमला कर सकता है। गौरतलब है कि इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ईरान को भयंकर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट के अनुसार इजरायल, तेहरान के परमाणु स्थलों और ऑइल फैसिलिटी को तबाह कर सकते है। मालूम हो कि ईरान का मुख्य व्यवसाय कच्चे तेल का आयात करना है, जो ईरान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। अगर इजरायल ऐसा करता है तो भारत समेत दुनिया के कई देशों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
Iran Israel War से अमेरिका को फायदा?
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ईरान की परमाणु सुविधाओं और तेल रिसावों पर हमला करने की इज़राइल की योजना पर अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “इज़राइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन उसे “आनुपातिक रूप से” ऐसा करना चाहिए। उन्होंने तेहरान पर नए प्रतिबंध लगाने की संभावना पर जी7 नेताओं से भी बात की”।
हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि इस युद्ध से सीधा फायदा अमेरिका को हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो सबसे पहले कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होगी। जिसे भारत समेत दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था पर इसकी सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका के पास पर्यापत मात्रा में कच्चे तेल का स्टोक जिससे वह अपन अर्थव्यस्था को स्थिर रखने में सक्ष्म है, और उम्मीद है कि इस कारण डॉलर में भी बढ़ोतरी हो सकती है। जिससे अमेरिका और ताकतवर हो सकता है।
Iran Israel War का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
गौरतलब है कि भारत अभी दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सबसे अहम बात यह है कि भारत इजरायल और ईरान से बड़ी मात्रा में चीजें आयात और निर्यात करता है। बता दें कि भारत ईरान से कच्चे तेल के अलावा सूखे मेवे, रसायन और कांच के बर्तन खरीदता है। वहीं, भारत की ओर से ईरान को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख सामानों में बासमती चावल शामिल है। अगर इजरायल की बात करें तो भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत इजरायल से अंतरिक्ष उपकरण, पोटेशियम क्लोराइड, मेकैनिकल एप्लायंस, प्रिंटेड सर्किट आदि आयात करता है।
भारत के लिए सबसे बड़ा डर यह कि अगर ईरान-इजरायल युद्ध होता है तो इसका असर भारत पर भी पड़ने वाला है,जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेलों का आयात रूस, ईराक, सऊदी अरब, यूएई और यूएसए से करता है। हालांकि अब देखना होगा कि भारत इस स्थिति से कैसे निपटता है, और आने वाले समय में भारत पर इसका कितना असर होता है।