Israel-Hamas War: गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 देशों ने वोट किया, जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की। वहीं, भारत-ब्रिटेन समेत 45 देशों ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया। बता दें कि यह प्रस्ताव जॉर्डन की तरफ से पेश किया गया था। बड़ी बात यह है कि अमेरिका समेत 14 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। इस प्रस्ताव में गाजा में जंग को रोकने, मानवीय सहायता पहुंचाने और नागरिकों की सुरक्षा को बरकरार रखने का आह्वान किया गया।
प्रस्ताव से भारत ने क्यों बनाई दूरी?
भारत ने बताया है कि इसमें आतंकवादी समूह हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जिसकी वजह हमने मसौदे पर मतदान से परहेज किया। ऐसा नहीं है की भारत युद्धा का समर्थन कर रहा है। भारत पहले ही संयुक्त राष्ट्र में इजराइल-हमास युद्ध पर चिंता जाहिर कर चुका है। भारत ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और हिंसा से दूर रहने का आग्रह भी किया है। भारत के अलावा, इस मतदान से गैरहाजिर रहने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल थे।
प्रस्ताव में संशोधन करने की उठी मांग
कुछ देशों ने प्रस्ताव में संशोधन किए जाने की बात की है. इसमें एक पैराग्राफ डालने के लिए भी कहा गया। कहा जा रहा है कि प्रस्ताव में लिखा जाए कि महासभा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमास के आतंकवादी हमलों और बंधक बनाने की घटना को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और इसकी निंदा करती है। बंधकों के साथ मानवीय व्यवहार हो और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित की जाए।
युद्ध में अब तक हजारों की मौत
बता दें कि हमास-इजरायल युद्ध के चलते गाजा में तबाही मची हुई है। युद्ध के चलते गाजा में अब तक 7 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 19 हजार से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में 3000 से अधिक बच्चे शामिल हैं। वहीं, हमास के हमले में इजराइल में करीब 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हैं। यह जंग 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी, जो कब खत्म होगी यह कहना अभी मुश्किल है।
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