Friday, November 22, 2024
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Israel-Hezbollah Conflict: भूखमरी की मार झेल रहे Lebanon में करोड़ों का खजाना, IDF ने खोला Nasrallah के गुप्त बंकर का राज

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Israel-Hezbollah Conflict: इजराइल और हमास (Israel-Hamas) के बीच 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई जंग ने मिडिल इस्ट (Middle East) को चपेट में ले लिया है। इजराइल अब हमास को छोड़ ईरानी (Iran) चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह पर लगातार हमले कर रहा है। इसी क्रम में 27 सितंबर 2024 को इजराइली वायु सेना (IDF) ने लेबनॉन (Lebanon) की राजधानी बेरूत (Beirut) में हवाई हमला करते हुए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह (Hasan Nasrallah) को मार गिराया था।

इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह (Israel-Hezbollah Conflict) चीफ की मौत के लगभग महीने दिन बाद एक बड़ा दावा किया है। इजराइल का दावा है कि जिस बंकर में नसरल्लाह मारा गया वहां करोड़ों डॉलर का खजाना भरा पड़ा है। इजराइल उस बंकर को वित्तीय केंद्र के रूप में बता रहा है। इजराइल के इस दावे को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि जहां एक ओर लेबनॉन की ज्यादातर आबादी आर्थिक संकट (Economic Crisis in Lebanon) से जूझते हुए गरीबी का सामना और भूखमरी की मार झेल रही है, वहां करोड़ों डॉलर का खजाना कैसे आया?

Israel-Hezbollah Conflict- IDF का बड़ा दावा

इजराइल-हिजबुल्लाह (Israel-Hezbollah Conflict) के बीच जारी संघर्ष के मध्य इजराली सेना (IDF) ने बड़ा दावा किया है। इजराइल ने रविवार देर रात हवाई हमला किया। इसके बाद सेना की ओर से कहा गया कि इस हमले का उद्देश्य हिजबुल्ला के फंड को चोट पहुंचाना था। आईडीएफ की मानें तो लेबनॉन (Lebanon) की राजधानी बेरूत (Beirut) के बीचों-बीच अल साहेल अस्पताल के नीचे हसन नसरल्लाह (Hasan Nasrallah) का एक बंकर (Hezbollah Bunker) है जिसमें अरबों का सोना और नकदी रकम था।

इजराइल ने हिजबुल्लाह के इस ठिकाने पर हवाई हमले किए हैं। इजराइल (Israel) का दावा है कि हिबजुल्लाह के लड़ाके इन पैसों का इस्तेमाल हमला करने के लिए कर रहे थे। हालांकि, इजराइल की ओर से अभी ये नहीं स्पष्ट किया गया है कि हमले में पूरा पैसा नष्ट हुआ या नहीं।

Lebanon में भूखमरी और आर्थिक संकट की मार झेल रहे आम नागरिक

लेबनॉन की राजधानी बेरूत (Lebanon-Beirut) में अल साहेल अस्पताल (Al-Sahel Hospital) के नीचे बने बंकर में करोड़ों डॉलर का खजाना होने की बात कही गई। दावा किया गया कि हिजबुल्लाह (Hezbollah) इन पैसों का इस्तेमाल इजराइल (Israel) पर हमले के लिए करता था। इस खुलासे के बाद लेबनॉन में गरीबी और आर्थिक संकट पर सवाल उठने लगे।

विश्व बैंक (World Bank) ने मई 2024 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार 73 फीसदी लेबनानी और लगभग सभी गैर-लेबनान निवासी आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं। वहीं पश्चिमी एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCWA) ने नई नीति रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि लेबनॉन की 55% से अधिक आबादी गरीबी में फंस कर बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले वर्ष (2023) ये आंकड़ा 23 फीसदी था जो कि युद्ध के बाद दुगना हो गया है।

लेबनॉन के अक्कर, बेरूत, बेका, उत्तरी लेबनॉन और माउंट लेबनॉन के अधिकांश क्षेत्रों हर 3 में से 1 लेबनानी गरीबी से त्रस्त बताया गया। ये आंकड़ा 2022 की घरेलू सर्वेक्षण के आधार पर दिया गया। ऐसे में एक ओर जहां लेबनॉन के ज्यादातर इलाकों में आम नागिरक आर्थिक संकट और भूखमरी की मार झेल रहे हैं, वहां हिजबुल्लाह के बंकर से करोड़ों डॉलर का खजाना होने की बात सामने आना निश्चित ही आश्चर्यजनक है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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