Israel-Iran Conflict: मिडिल इस्ट में संघर्ष का दौर जारी है। दरअसल ईरान की ओर से इजराइल पर जवाबी कार्रवाई के रूप में बैलिस्टिक मिसाइल (BM) दागने के बाद एक नई चिंगारी भड़क उठी है। ईरान भी अपने प्रतिद्वंदी इजराइल (Israel-Iran Conflict) को जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा है। ईरान-इजराइल के बीच चल रहे इस वॉर में दुनिया दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। पश्चिमी देश (Western Countries) जहां इजराइल के प्रति नरम रूख रखते हैं तो वहीं चीन (China), जापान (Japan) और रूस (Russia) जैसे देश अब ईरान के प्रति समर्थित नजर आ रहे हैं।
शायद यही वजह है कि तमाम मतभेदों को भुलाकर आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान (Masoud Pezeshkian) से मुलाकात की है। इन दोनों नेताओं की मुलाकात तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) में होने की खबर है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब मिडिल इस्ट (Middle East) में दो देशों (इजराइल-ईरान) के बीच चल रहे संघर्ष के दौर का विस्तार होगा? क्या मिडिल इस्ट में रूस समेत अन्य देशों की दखल बढ़ेंगी? या क्या रूसी राष्ट्रपति और ईरानी राष्ट्रपति की मुलाकात के बाद मिडिल इस्ट में एक बार फिर खलबली मचेगी? ऐसे में आइए हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
Israel-Iran Conflict के बीच Pezeshkian और Vladimir Putin की मुलाकात के मायने?
ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष (Israel-Iran Conflict) का दौर जारी है। बीते 2 अक्टूबर को ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल (BM) दागे जाने के बाद इजराइल मौके की इंतजार में है। वहीं ईरान भी पूरी तरह से तैयार है और उनके शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का कहना है कि वे मजबूती से इजराइल का सामना करेंगे। इन तमाम कयासबाजी और संभावनाओं के बीच आज तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) में रूसी राष्ट्रपति (Vladimir Putin) ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान (Masoud Pezeshkian) की मुलाकात हुई है।
रूसी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच हुई मुलाकात के कई विशेष मायने है। दरअसल ईरान, रूस से भारी मात्रा में हथियारों की खरीदारी करता है। ईरान की ओर से इस बात की पूरी तैयारी की जा रही है कि रूस से रिश्तों को मजबूत रखा जाए ताकि युद्ध की स्थिति में हथियारों की आपूर्ति की समस्या न रहे। वहीं ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच अमेरिका का भी दखल है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि ईरान के साथ रूस की उपस्थिति उसे प्रतिद्वंदी देश के सामने मजबूत बनाएगी।
क्या Middle East में मचेगी खलबली?
मिडिल इस्ट में खलबली का दौर कई बार मच चुका है। इस कड़ी में कभी लेबनान-इजराइल आमने-सामने होते हैं तो कभी सीरिया-इजराइल, ईरान-इराक या अन्य देश। ऐसे में इजराइल-ईरान (Israel-Iran Conflict) के बीच जारी संघर्ष के दौर में रूस (Russia) की एंट्री से खूब सुर्खियां बन रही हैं। दावा किया जा रहा है कि यदि इजराइल (Israel) द्वारा ईरान पर जवाबी कार्रवाई की गई और अमेरिका का दखल रहा तो रूस की मौजूदगी भी ईरान के साथ रहेगी और इससे मिडिल इस्ट (Middle East) में खलबली का एक नया दौर फिर देखने को मिल सकता है।