Israel- Iran War: इजरायल-हमास युद्ध अभी खत्म भी नही हुआ था कि इजरायल और ईरान में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा भी बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि इजरायल -हमास युद्ध बीते 6 महीने से जारी है। बता दें कि इसे देखते हुए अमेरिका भी हाई अलर्ट पर आ गई है। लेकिन समझने वाली बात यह है कि आखिर इजरायल-ईरान के बीच युद्ध की नौबत क्यो आई। आईए इस लेख के माध्यम से आपको बताते है कि आखिर किस वजह से पूरी दुनिया पर विश्व युद्ध का खतरा बढ़ गया है।
इजरायल-हमास युद्ध
गौरतलब है कि बीते साल 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल-हमास युद्ध की शुरूआत हुई थी। इस दौरान इजरायल में मारे गए 1200 इजरायली-विदेशी नागरिकों के जवाब में इजरायली सेना ने गाजा में 33137 फलस्तीनियों की जान चली गई है। बता दें कि इसमे दो तिहाई संख्या महिलाओ और बच्चों की है। वहीं अभी भी जंग जारी है। अमेरिका समेत कई देशों ने युद्ध विराम पर जोर दिया है। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 4 अप्रैल तक इजरायली हवाई और जमीनी हमले में 33037 लोगों के मारे जाने और 75668 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जबकि मलबे में अभी भी हजारों लोगों की मौत नहीं हुई है। मंत्रालय ने कहा है कि मारे गए लोगों में लगभग 40% बच्चे हैं।
इजरायली विमानों ने दमिश्क में किया हवाई हमला
आपको बता दें कि बीते हफ्ते इजरायली विमानों ने दमिश्क में ईरानी दूतावास पर एयरस्ट्राइक की जिसमें ईरान के 7 कर्मियों की मौत हो गई। इस हमले में कुद्स फोर्स के एक कमांडर जनरल मोहम्मद रेजा जहेदी की मौत हो गई थी।। इसके बाद से ही ईरान इजारयल पर आग बबूला है। ईरान ने इजारयल पर हमले की धंमकी दे दी है। इस हमले को लेकर दुनियाभर के कई देशों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान द्वारा जंग की धमकी दी जाने के बाद से ही इजरायल अलर्ट पर आ गया है।
इजरायल-ईरान युद्ध की शुरूआत
आपको बता दें कि 1979 में ईरान के अंतिम राजा, शाह मोहम्मद रजा पहलवी के तख्तापलट से जुड़ी हैं। इस्लामी क्रांति के बाद, ईरान के नेताओं ने इजरायल विरोधी रुख अपनाया और खुद को लेबनान में हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूहों के साथ जोड़ लिया। माना जाता है कि क्रांति के नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी ने एक नया विश्वदृष्टिकोण लाया। जो मुख्य रूप से इस्लाम का समर्थक था। सबसे दिलचस्प बात यह है कि ईरान में नई सरकार ने इजरायल को छोटा शैतान और अमेरिका को महान शैतान कहना शुरू कर दिया।
क्या है यूएस का रूख?
गौरलब है कि 1960 के दशक से, संयुक्त राज्य अमेरिका इज़राइल का प्रबल समर्थक रहा है। इसने इजरायल और उसके पड़ोसी अरब राज्यों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका हाई अलर्ट पर है क्योंकि सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायल के हालिया हमले के जवाब में ईरान इजरायल या अमेरिकी संपत्तियों को निशाना बना सकता है। अधिकारी ने अगले सप्ताह के भीतर संभावित हमले की रिपोर्टों की पुष्टि करते हुए कहा, हम निश्चित रूप से उच्च सतर्कता की स्थिति में हैं।
क्या दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर अग्रसर?
गौरतलब है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच युद्ध होता है तो यह तीसरे युद्ध के संकेत हो सकते है। इजरायल और ईरान के बीच हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ही तनाव चरम पर है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच जंग होता है तो अमेरिका इजरायल का साथ देगा। जिसके बाद दूसरे देश भी ईरान और अमेरिका के साथ आएंगे और फिर तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत हो सकती है। ईरान पर हुए हमले के बाद से ही ईरान आगबबूला है। उसने इजरायल को खुली तौर पर चुनौती दे दी है। जिसके बाद से यह कयास लगाएं जा रहे है कि ईरान भी इजरायल पर हमला कर सकता है। इसके अलावा ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिक इससे दूर रहे।