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G20 Summit 2023: ‘फर्क नहीं पड़ता…’, जी20 समिट में पुतिन और जिनपिंग के शामिल न होने पर बोले विदेश मंत्री एस. जयशंकर

G20 Summit 2023: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है इतिहास में झांके तो जी20 सम्मेलन में अलग-अलग समय पर कुछ राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने किसी भी वजह से स्वयं न आने का निर्णय लिया है।

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s jaishankar
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G20 Summit 2023: जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) की मेजबानी करने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। 8 से 10 सितंबर तक को होने वाली जी20 की बैठकों में अमेरिका, रूस और चीन जैसे बड़े देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जहां, एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस बैठक में शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं बनेंगे। इन दोनों नेताओं की गैरमौजूदगी पर अब भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बड़ी बात कही है।

पुतिन और जिनपिंग पर क्या बोले जयशंकर ?

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब कोई जी20 सम्मेलन हो रहा है। अगर हम इतिहास में झांके तो पहले भी कई सम्मेलन हो चुके हैं और अगल-अगल समय पर कई देशों के प्रमुखों ने किसी वजह से स्वयं बैठक में न आने का निर्णय लिया है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की सम्मेलन उनके बिन अधूरा रह जाएगा। उन देशों की तरफ से आने वाले अन्य प्रतिनिधि अपने देश का पक्ष रखते हैं और अपने देश की स्थिति स्पष्ट करते हैं।

‘फर्क नहीं पड़ता है कौन आ रहा है…’

उन्होंने आगे कहा कि फर्क नहीं पड़ता की किसे देश से कौन आ रहा है, या कौन देश सम्मेलन में किसे भेज रहा है। यहां मायने बस यही बात रखती है की उस देश का रुख क्या है। उन्होंने कहा कि आप इंतजार कीजिए, कुछ दिनों में सम्मेलन शुरू होने वाला है, वहां क्या चर्चा होती है ये महत्वपूर्ण है। इस दौरान जब उनसे दिल्ली से बाहर हुई बैठकों पर सवाल पूछ गया तो उन्होंने कहा कि इस वर्ष जी20 शिखर सम्मेलन की बैठकों का पूरे देश में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कश्मीर और अरुणाचल तक में बैठकें करवाई गई।

कांग्रेस ने सिर्फ दिल्ली में ही करवाई बड़ी बैठकें

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में यह मानने की प्रवृत्ति थी कि प्रमुख बैठकें केवल दिल्ली में ही आयोजित की जानी चाहिए। विशेष रूप से कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि जो कोई भी पहले मानता था कि अकेले लुटियंस दिल्ली में बैठकें करने में उन्हें सहजता महसूस होती है, वह अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन मौजूदा प्रशासन के तहत चीजें अलग हैं। यह एक अलग युग है। इस नए भारत में हर क्षेत्र को सामान महत्व दिया जाता है।

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