China controversial Map: चीन द्वारा जारी नए नक्शे पर विवाद लगातार जारी है। दूसरे देशों के क्षेत्रों को अपने हिस्से में दिखाए जाने को लेकर कई देश भड़क उठे हैं। भारत के विरोध के बाद चार अन्य देशों ने भी चीन के नए विवादित नक्शे पर विरोध जताया है। इनमें फिलीपीन्स, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान जैसे देश शामिल हैं, जिन्होंने चीन के इस नक्शे को मानने से इनकार कर दिया है। इन देशों का कहना है की चीन पहले भी अपनी विस्तवावादी नीति के चलते ऐसी हरकतें करता आया है, लेकिन हम चीन की इस नीति का कड़ा विरोध करते हैं। सभी देशों ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है।
मलेशिया-फिलीपींस ने नए नक्शे को किया अस्वीकार
फिलीपींस सरकार ने गुरुवार (31 अगस्त) को एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने चीन के नए मानचित्र को “अस्वीकार” कर दिया है। क्योंकि इसमें दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों के आसपास एक धराशायी रेखा शामिल थी, जो 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के अधीन था, जो मनीला के पक्ष में पाया गया था। वहीं, मलेशियाई सरकार ने इसके विरोध में कहा, “मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है।”
भारत ने नए नक्शे पर जताई कड़ी आपत्ति
चीन के नए नक्शे को लेकर सबसे पहले भारत ने विरोध दर्ज करवाया था। भारत के विदेश सचिव अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा था, “हमने चीन के तथाकथित 2023 ‘मानक मानचित्र’ पर चीन के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जो भारत के क्षेत्र पर दावा करता है। हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है।”
चीन ने अरुणाचल को अपना हिस्सा दिखाया
बता दें कि चीन ने अपना नया नक्शा जारी कर विवाद खड़ा कर दिया है। नए नक्शे में चीन ने भारत समेत कई देशों के हिस्सों को अपना बताया है। 28 अगस्त को जारी मानचित्र में चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा दिखाया है। जबकि, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी चीन ने अपने क्षेत्र में शामिल किया है। चीन ने वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई दक्षिण चीन सागर क्षेत्रों पर भी अपना दावा किया है।
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