Monday, November 18, 2024
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आर्थिक संकट के बीच Maldives की सधी चाल! चीन को छोड़ अब भारत के प्रति प्रेसिडेंट Mohamed Muizzu का झुकाव? जानें वजह

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Mohamed Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू अपने पांच दिवसीय यात्रा के लिए भारत आ चुके हैं। इस दौरान उन्होंने बीते कल यानी रविवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात की। वहीं मुइज़्ज़ू की मुलाकात आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी हो गई है। पीएम मोदी (PM Modi) और मोहम्मद मुइज़्ज़ू (Mohamed Muizzu) ने आज संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कई अहम पहलुओं का जिक्र किया है। मालदीव में आर्थिक संकट (Economic Crisis in Maldives) के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत यात्रा (Mohamed Muizzu India Visit) के कई मायने बताए जा रहे हैं।

मालदीव (Maldives) के इस कदम को सधी चाल भी कहा जा रहा है ताकि देश आर्थिक संकट के दौर से उभर सके। हालाकि मालदीव के रीष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू (Mohamed Muizzu) द्वारा चीन (China) को पीछे छोड़ भारत के प्रति आए झुकाव को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। लोगों के मन में ये सवाल तेजी से उठ रहे हैं कि आखिर चीन के इशारों पर चलने वाला मालदीव, भारत के प्रति झुकाव क्यों रख रहा है? क्या इसके पीछे मालदीव के पर्यटन (Maldives Tourism) को बढ़ावा देना उद्देश्य है या कुछ और? ऐसे में आइए हम आपको मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत यात्रा और इसके पीछे के समीकरण के बारे में बताते हैं।

Maldives में आर्थिक संकट के बीच Mohamed Muizzu की India Visit

भारत के पड़ोसी और हिन्द महासागर में स्थित द्वीप देश मालदीव (Maldives) इन दिनों भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव पर वर्तमान में भारी कर्ज है और साथ ही द्वीप देश का विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावित हो गया जिससे वस्तुओं के आयात में दिक्कते आ सकता है। सितंबर 2024 की बात करें तो इसमें मालदीव के पास करीब 440 मिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जो कि आगामी समय में आयात को निरंतरता देने के लिए अपर्याप्त है। ऐसे में इस आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत यात्रा (Mohamed Muizzu India Visit) को बेहद अहम माना जा रहा है।

चीन से प्रेसिडेंट Mohamed Muizzu का खास लगाव?

मालदीव के संबंध भारत से सदैव की बेहतर रहे हैं। मोहम्मद मुइज़्ज़ू (Mohamed Muizzu)से पहले पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, अब्दुल्ला यामीन और मोहम्मद वाहीद के कार्यकाल के दौरान भारत और मालदीव के संबंध बेहतर रहे हैं। लेकिन मुइज़्ज़ू को भारत के लिए एंटी नेता के रूप देखा गया और उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का नारा देकर अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत की थी। इसके बाद मुइज़्ज़ू राष्ट्रपति का चुनाव जीते और भारत की बजाय चीन (China) और तुर्की की यात्रा (Mohamed Muizzu India Visit) पर निकल पड़े।

मुइज़्ज़ू चीन के करीब जाकर भारत-मालदीव के बीच दशकों से चले आ रहे संबंध में बदलाव लाना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने सरकार की कमान संभालने के साथ ही चीनी शोध जहाज जियांग यांग होंग-3 को अपने बंदरगाह पर आने की अनुमति दे दी। मालदीव के इस कदम के प्रति भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

भारत के प्रति क्यों आया Mohamed Muizzu का झुकाव?

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू (Mohamed Muizzu) अब चीन को छोड़ कर भारत के प्रति झुकाव रखते नजर आ रहे हैं। दरअसल भारत और मालदीव के संबंधो में आई खटास के बाद मालदीव का पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से ध्वस्त हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई कमी के कारण मालदीव को पर्यटन के क्षेत्र में अब तक 150 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है जो कि बड़ी रकम है।

इसके अलावा भी पड़ोसी देश होने के नाते मालदीव को भारत पर कई आवश्यक वस्तुओं (भोजन, बुनियादी ढांचे के निर्माण और चिकित्सा सेवाओं) के लिए निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में मालदीव अब भारत के प्रति झुकाव रख संबंध को फिर स्थिर करने की कोशिश में है और साथ ही इस जुगत में है कि उसे भारत से आर्थिक मदद मिले ताकि मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा मिले और आर्थिक संकट से उभरा जा सके।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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