Saturday, November 23, 2024
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NASA को मिला सुपर अर्थ, क्या ये बनेगा पृथ्वी का दूसरा विकल्प? जानिए डिटेल

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NASA: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) अक्सर स्पेस से...

NASA: पृथ्वी और अंतरिक्ष को लेकर भी अभी भी कई तरह की रिसर्च जारी हैं। ऐसे में वैज्ञानिक आए दिन कोई न कोई रिपोर्ट सामने रहते हैं। वैज्ञानिक कई तरह की खोज और प्रयोगों में व्यस्त रहते हैं। इसी बीच अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) यानी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बड़ी खोज की है।

दरअसल नासा ने एक नए ग्रह की तलाश की है, जी हां, नासा इसे सुपर अर्थ नाम दे रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस नए ग्रह पर इंसानों के लिए जीवन की संभावना हो सकती है। बताया जा रहा है कि नया ग्रह पृथ्वी से 137 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है।

NASA ने दी बड़ी जानकारी

नासा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया, ‘आगे की जांच के लिए तैयार एक ‘सुपर-अर्थ’ एक छोटे, लाल तारे की परिक्रमा करता है, जो कि खगोलीय मानकों के अनुसार, हमारे काफी करीब है, केवल 137 प्रकाश वर्ष दूर। वही प्रणाली पृथ्वी के आकार का एक दूसरा ग्रह भी हो सकता है।’

आपको बता दें कि नासा ने खोजे गए नए ग्रह को TOI-715B नाम दिया है। नासा के मुताबिक, ये ग्रह पृथ्वी से लगभग डेढ़ गुना चौड़ा है। नासा ने बताया है कि ये अपने मूल तारे के चारों तरफ परिक्रमा करता है। इस तरह से ये सिर्फ 19 दिन में एक परिक्रमा मतलब एक साल पूरा कर लेता है। ऐसे में इसकी सतह पर लिक्विड पानी बन सकता है।

ये छोटा ग्रह पृथ्वी से थोड़ा बड़ा हो सकता है-NASA

नासा के मुताबिक, ‘निस्संदेह, सतही जल की उपस्थिति के लिए, विशेष रूप से एक उपयुक्त वातावरण के लिए, कई अन्य कारकों को भी शामिल करना होगा। रूढ़िवादी रहने योग्य क्षेत्र- व्यापक ‘आशावादी’ रहने योग्य क्षेत्र की तुलना में एक संकीर्ण और संभावित रूप से अधिक मजबूत परिभाषा इसे रखता है प्रमुख स्थिति में, कम से कम अब तक किए गए मोटे मापों के अनुसार। छोटा ग्रह पृथ्वी से थोड़ा ही बड़ा हो सकता है और रूढ़िवादी रहने योग्य क्षेत्र के ठीक अंदर भी रह सकता है।’

नासा ने खोजा है सुपर अर्थ

NASA ने बताया है कि खोजा गया नया ग्रह एक लाल बौने तारे का चक्कर लगाता है, जो सूर्य से छोटा और ठंडा है। इस मामले की तरह, ऐसे कई सितारे छोटी, चट्टानी दुनिया की मेजबानी करने के लिए जाने जाते हैं। नासा ने कहा, ‘ये ग्रह हमारे सूर्य जैसे सितारों के आसपास की कक्षाओं की तुलना में कहीं अधिक निकट परिक्रमा करते हैं।

ये लाल बौने छोटे और ठंडे होते हैं, ग्रह करीब आ सकते हैं और फिर भी तारे के रहने योग्य क्षेत्र के भीतर सुरक्षित रूप से रह सकते हैं। तंग कक्षाओं का मतलब वे भी हैं जो पार करते हैं उनके तारों के चेहरे- यानी, जब हमारे अंतरिक्ष दूरबीनों द्वारा देखे जाते हैं, अधिक बार पार करते हैं।’

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Amit Mahajan
Amit Mahajanhttps://www.dnpindiahindi.in
अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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