Saturday, November 23, 2024
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Nobel Prize 2023: चिकित्सा के क्षेत्र में कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला नोबेल पुरस्कार, इस खोज में रहा अहम योगदान   

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Nobel Prize 2023: मानव की भलाई और उत्कृष्ट योगदानों के लिए हर साल नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। बता दें कि नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) रसायन (Chemistry), भौतिकी (Physics), शांति, साहित्य, चिकित्सा, विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाता है। ऐसे में अब इस वर्ष नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है। जी हाँ फिजियोलॉजी या मेडिसिन (चिकित्सा) के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदानों के लिए कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को नोबेल पुरस्कार मिला है। दरअसल उन्होंने  कोविड-19 के दौरान mRNA टीकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था।  उन्होंने mRNA टेक्नोलॉजी  का सूत्र दिया। साथ ही कोरोना वैक्सीन बनाने में मदद की थी। बता दें कि तब mRNA टेक्नोलॉजी कोरोना पर काफी प्रभावी था। 

mRNA टेक्नोलॉजी  से बनी वैक्सीन ने कोविड-19 को किया सर्वप्रथम निष्क्रिय 

बता दें कि जिन दो लोगों को नोबेल पुरस्कार दिया गया है।  उन्होंने mRNA टेक्नोलॉजी  से बनी वैक्सीन का सूत्र दिया था। तब जाकर पूरी दुनिया इस महामारी से निजात पा सकी थी। ऐसे में यह जानना बहुत अहम हो जाता है, कि आखिर mRNA टेक्नोलॉजी होता क्या है? चलिए आगे हम आपको बताते हैं।

इधर  नोबेल पुरस्कार को लेकर सोशल मीडिया (X) ट्विटर पर नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था ने ट्वीट कर जानकारी दी है। ट्वीट में लिखा है, “फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया गया है, जिसने सीओवीआईडी ​​-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम किया है।”  

 mRNA टेक्नोलॉजी होता क्या है?

नोबेल पुरस्कार की घोषणा 6 दिनों तक अलग-अलग क्षेत्रों में की जाएगी। लेकिन अब समझना होगा, कि  mRNA टेक्नोलॉजी है क्या? तो बता दें  mRNA टेक्नोलॉजी जेनेटिक कोड का छोटा हिस्सा होता है। और यह हमारी सेल (कोशिकाओं) में प्रोटीन बनाने का कार्य करता है। अब इससे होता यह, है कि यदि कोई वायरस हमारे शरीर पर अटैक करता है, तो यह mRNA टेक्नोलॉजी कोशिकाओं प्रोटीन बनाने का संकेत देती है। ऐसे में प्रोटीन वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने का कार्य करती है। यह एंटीबॉडी बाद में बन जाती है। जिससे वायरस निष्प्रभाव हो जाता है।   

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