India-Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत शुक्रवार देर रात पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अपनी जेलों में पिछले लंबे समय से बंद और सजा पूरी कर चुके 203 भारतीय कैदी मछुआरों को वाघा पाकिस्तान अटारी सरहद के माध्यम से वतन के लिए रिहा कर दिया। देर रात वतन लौटने पर SGPC के विशेष प्रयास के फलस्वरूप पिछले 2 दिन से भूख की मार झेल रहे भारतीय मछुआरों के लिए अटारी सीमा में देर रात लंगर का प्रबंध किया गया था। भारतीय मछुआरे कराची पाकिस्तान की लाडी जेल से रेलगाड़ी के माध्यम से लाहौर आये। फिर देर रात पाकिस्तान से वाघा सीमा के रास्ते अटारी अपने वतन पहुंचे रिहा हुए।
पाकिस्तानी Navy ने किए थे गिरफ्तार
भारतीय मछुआरों के बारे में जानकारी देते हुए भारत-पाकिस्तान पीस फाउंडेशन तथा डेमोक्रेसी नेता जतिन देसाई ने कहा कि अपने परिवारों की रोजी-रोटी के लिए भारतीय समुद्र के गुजरात के रास्ते मछली पकड़ते समय भारत से पाकिस्तान की सीमा में दाखिल होने पर 203 कैदी पिछले 24 महीने से लेकर 30 महीने तक पाकिस्तान की जल सेना द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।
कराची की जेल में थे बंद
भारतीय मछुआरे पाकिस्तान की कराची की जेलों में बंद थे। उनको पाकिस्तान से भारत वापस लाया गया है। जतिन देसाई व रमेश यादव ने कहा कि रिहा किए गए भारतीय मछुआरे गुजरात में मध्य प्रदेश के अलावा अन्य अलग-अलग प्रदेशों से संबंधित है। रिहा होकर भारत आने वाले मछुआरों को पाकिस्तान की ईदी फाउंडेशन कराची के पदाधिकारियों ने सम्मानित भी किया।
घर तक पहुचाएं जाएंगे सभी मछुआरे
जेसीबी अटारी सीमा के माध्यम से पाकिस्तान से भारत आने वाले मछुआरों का इमीग्रेशन कस्टम क्लीयरेंस के बाद भारतीय मछुआरों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए मछली पालन विभाग गुजरात के उच्च अधिकारी व गुजरात पुलिस आई थी। वे इन्हें अटारी सरहद से लेकर गुजरात के लिए रवाना हो गई। इस अवसर पर अटारी के नायब तहसीलदार व अन्य जिला प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
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