Red Pen Ban: अंधविश्वाश भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में माना जाता है। वहीं, आज हम आपको दुनिया के कुछ ऐसे देशों के बारे में बताने वाले हैं, जहां लाल पेन से लिखना मना है। सोशल मीडिया पर ऐसा दावा किया जाता है कि, दक्षिण कोरिया, पुर्तगाल और जापान जैसे देशों में लाल इंक यानि स्याही से लिखना मना है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया में तो इतना अंधविश्वास है कि, यदि कोई लाल पैन (Red Pen) से लिखता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे के क्या सच हैं…
मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण कोरिया देश में लाल स्याही (Red Ink) से लिखना अशुभ माना जाता है। यहां के लोग सामाजिक तौर पर इसे बुराई मानते हैं। यही कारण है कि, लाल रंग की कलम को बच्चों से भी बचा कर रखा जाता है।
वहीं, माना जाता है कि, यदि किसी ने लाल स्याही से किसी का नाम लिख दिया तो उसकी मौत हो जाती है। इसी वजह से लोग यहां पर लाल पेन (Red Pen Ban) का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इतना ही नहीं वहां पर लाल पेन घर पर भी लाए जाते हैं। क्योंकि यहां सदियों से स्थानीय लोग इस अंधविश्वास को मानते हैं।
Red Pen Ban: जानें पूरी सच्चाई?
Red Pen Ban का जाने क्या है सच?
गोनटूकोरिया की रिपोर्ट के अनुसार, लाल पेन के द्वारा लिखने से किसी की मौत नहीं होती है। दरअसल, पारंपरिक कोरियाई संस्कृति में मृतकों का नाम लाल रंग के पेन से लिखने की परंपरा थी। इसी कारण से लोग इस पेन का यूज जीवित लोगों का नाम लिखने में नहीं करते हैं।
कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं मिलते
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के स्कूलों में भी बच्चों को लाल पैन से लिखने को मना किया जाता है। दक्षिण कोरिया में गलती से भी किसी का नाम लाल रंग के पेन से नहीं लिखा जाता है। हालांकि, इसके कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं मिलते हैं। इसके अलावा पुर्तगाल में लाल रंग के पेन से लिखना अशुभ मानते हैं और जापान में भी लाल पेन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
इतिहास क्या कहता है Red Pen के बारे में?
दक्षिण कोरिया में जब जोसियन राजंश 1392-1897 के राजा सेजोंग महान के दूसरे बेटे, ग्रैंड प्रिंस सुयांग तख्तापलट की साजिश रच रहे थे। तब उन्होंने विरोधी पक्ष के दुश्मनों की हिट लिस्ट बनाने के लिए लाल स्याही का इस्तेमाल किया था। वहीं, तीसरे सिद्धांत का दावा है कि कोरियाई युद्ध के दौरान, मृत नागरिक या कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के नाम को मिटाने के लिए लाल पेन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, वहां पर लाल रंग का संबंध मृत्यु जैसी अशुभ घटनाओं से है, इसलिए लोगों को इससे लिखने से रोका जाता है।
Red Pen Ban पर साइंस क्या कहता है?
साइंस के अनुसार, कुछ संस्कृतियों में लाल स्याही को नकारात्मक भाव से जुड़ा माना जाता है। जैसे आम तरीके से देखा जाए तो अध्यापक किसी छात्र के पेपर पर त्रुटियों को चिह्नित करने के लिए इसका यूज किया जाता है। यही कारण है कि, ज्यादातर पूर्वी संस्कृतियों में इसके इस्तेमाल से लोग बचते हैं। वहीं, पश्चिमी संस्कृतियों में लाल स्याही का इस्तेमाल अक्सर संपादन और सुधार के लिए किया जाता है। इसलिए इसे लोग गलत नहीं मानते हैं।
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