China Controversial Map: चीन द्वारा जारी नए और विवादित नक्शे (China Controversial Map) से उसके कई पड़ोसी देश नाराज हो गए हैं। क्योंकि, चीन ने अपने पड़ोसी देशों के हिस्सों पर अपना दावा किया है। जिस वजह से चीन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भारत सहित कई अन्य देशों के विरोध के बाद अब रूस ने भी इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रूस ने चीन के सभी दावों को खारिज कर दिया है।
रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन के नए मानचित्र ने विवाद को सुलझाने के लिए 2005 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है। यह विवाद पहले ही एक समझौते के माध्यम से तय किया जा चुका है। ऐसे में हम चीन के इस दावों को खारिज करते हैं।
चीन ने रूस के इस क्षेत्र पर किया दावा
दरअसल, चीन ने रूस के उस क्षेत्र पर दावा किया है, जिसका विवाद पहले ही सुलझ चुका है। चीन ने रूस के बोल्शोई उस्सुरिस्की द्वीप को अपने हिस्से में दिखाया है। दशकों के संघर्ष के बाद, चीन और रूस अंततः 2005 में उससुरीस्की द्वीप समूह को लेकर एक समझौते पर पहुंचे थे। इसके बाद 2008 तक विवादित उससुरीस्की द्वीप का विभाजन समाप्त हो गया।
समझौते के अनुसार द्वीप के 350 वर्ग किलोमीटर में से 170 द्वीप और साथ ही आसपास के कुछ अन्य द्वीप चीन को दे दिए गए थे। इसके बाद, रूस ने शेष विवादित क्षेत्र पर नियंत्रण बरकरार रखा था। चीन ने अपने नक्शे का वह हिस्सा भी प्रदर्शित किया जो रूस को आवंटित किया गया था और रूस ने चीन के दावे का खंडन किया।
विवादित नक्शे का कई देशों ने किया विरोध
बता दें चीन के नए विवादित नक्शे पर कई देशों ने आपत्ति जताई है। भारत के विरोध के बाद फिलीपीन्स, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान जैसे देशों में भी इस नक्शे का विरोध किया है। इन देशों का कहना है की चीन पहले भी अपनी विस्तवावादी नीति के चलते ऐसी हरकतें करता आया है, लेकिन हम चीन की इस नीति का कड़ा विरोध करते हैं। सभी देशों ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। वहीं, अब रूस ने भी इस नक्शे को मानने से इनकार कर दिया है। चीन ने भारत समेत कई देशों के हिस्सों को अपने क्षेत्र में दिखाया है।
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