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जिनेवा में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री S Jaishankar का बड़ा बयान, कहा ‘जीवन ‘खटा-खट’ नहीं है, जीवन..’, जानें डिटेल

S Jaishankar: जिनेवा में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी।

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S Jaishankar
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S Jaishankar: जिनेवा में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान भारत के विदेश मंत्री S Jaishankar ने कई मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी। बता दें कि विदेश मंत्री इस वक्त यूरोप के दौरे है। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की अपनी राय प्रकट की

कंधार हाईजैक’ नेटफ्लिक्स विवाद पर S Jaishankar की प्रतिक्रिया

आईसी 814 द कंधार हाईजैक’ नेटफ्लिक्स वेब सीरीज विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि “मैंने फिल्म नहीं देखी है, इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। 1984 में एक हाईजैक हुआ था। मैं बहुत छोटा अधिकारी था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो हाईजैक से निपट रही थी। हाईजैक के 3-4 घंटों के बाद,

मैंने अपनी मां को फोन करके बताया कि मैं नहीं आ सकता हाईजैक हो गया है, और मुझे पता चला की मेरे पिता उसी फ्लाइट में है। मैं उस टीम का हिस्सा था जो हाईजैक’ पर काम कर रही थी, दूसरी तरफ, मैं परिवार के सदस्यों का हिस्सा था जो सरकार पर दबाव डाल रहे थे”।

महिलाओं की सुरक्षा पर दी प्रतिक्रिया

S Jaishankar ने महिलाओं की सुरक्षा की चिंता जताते हुए कहा कि “मुझे नहीं लगता कि देश में एक भी व्यक्ति ऐसा होगा जो कुछ हुआ उससे नाराज न हो, और आप इसे सड़क पर देख सकते हैं। सच तो यह है कि हमारे देश में महिला सुरक्षा, महिलाओं के खिलाफ अपराध एक मुद्दा है। यह अन्य लोगों के देशों में भी एक मुद्दा हो सकता है।

मुझे एक तरह से प्रधानमंत्री की कही हुई बात याद आ रही है। ये बात उन्होंने लाल किले से कही. उन्होंने कहा, हम सब लोग अपनी बेटियों को जब देर रात बाहर जाते हैं तो उनसे बातें कहते हैं, बातें पूछते हैं। क्या आप अपने बेटों के साथ ऐसा करते हैं? आज महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा है”।

जीवन खटाखट नहीं है

जिनेवा में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि, “जब तक आप बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों का निर्माण नहीं करते हैं, उन नीतियों को लागू नहीं करते हैं, यह कठिन काम है।

जीवन ‘खटा-खट’ नहीं है, जीवन कड़ी मेहनत और परिश्रम है। उन्होंने कहा कि मेरे अधिकांश समकक्ष, प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति वास्तव में भारत में क्या हो रहा है, इसमें रुचि रखते हैं। अन्य देश आज गहरी दिलचस्पी से देखते हैं और हम जो करते हैं उसमें दुनिया के लिए सबक हैं”।

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