S Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) इस वक्त इटली (S Jaishankar in Rome) में हैं। एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इटली गए हैं। अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि इटली में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। जी7 देशों ने भारत को इस बैठक में बुलावा दिया था। एस जयशंकर ने एमईडी मेडिटेरेनियन डायलॉग (MED Mediterranean Dialogues) में शामिल हुए। इस दौरान जयशंकर ने भारत के विकास की बात की। साथ ही भूमध्य सागर के देशों के साथ अपने कारोबार के बढ़ते ग्राफ की जानकारी दी।
भूमध्यसागरीय देशों के साथ हमारा वार्षिक व्यापार 80 बिलियन डॉलर- S Jaishankar
एमईडी मेडिटेरेनियन डायलॉग (MED Mediterranean Dialogues) में एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा, “पहला बिंदु भूमध्य सागर के लिए भारत की प्रासंगिकता पर है। भूमध्यसागरीय देशों के साथ हमारा वार्षिक व्यापार लगभग 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। यहाँ हमारे 4,60,000 प्रवासी हैं, जो इटली के लगभग 40% हैं। हमारी मुख्य रुचि उर्वरक, ऊर्जा, जल, प्रौद्योगिकी, हीरे, रक्षा और साइबर में है। हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे, इस्पात, हरित हाइड्रोजन, फॉस्फेट और पनडुब्बी केबल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम चल रहा है। भूमध्य सागर के साथ हमारे राजनीतिक संबंध मजबूत हैं और हमारा रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, जिसमें अधिक अभ्यास और आदान-प्रदान शामिल हैं।”
एस जयशंकर बोले- IMEC में भारत की अहम भूमिका
एस जयशंकर ने सोमवार को रोम में भारतीय दूतावास के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस दौरान जयशंकर ने इटली को अपना प्रमुख साथी बताया। एस जयशंकर ने यूरोप और भूमध्य सागर के साथ संबंधों पर जानकारी दी। जयशंकर ने कहा कि भारत मध्य-पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर यानी आईएमईसी (IMEC) में अहम साबित होगा।
जयशंकर ने कहा कि हम इटली को भारत का एक प्रमुख साथी मानते हैं। साथ ही भूमध्य सागर में भी एक अहम देश मानते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और इटली आईएमईसी के फाउंडर देश हैं। इसका निर्णय भारत द्वारा आयोजित की गई जी20 में लिया गया था। एस जयशंकर ने साथ ही कहा कि भारत की इटली में उपस्थिति तीन संयुक्त राष्ट्र संगठनों को दर्शाती है।