Saudi King Salman: सऊदी अरब के 88 वर्षीय किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। चिकित्सकों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के तहत सऊदी किंग सलमान बिन के फेफड़ों में इन्फेक्शन पाया गया है जिसके कारण उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है।
किंग की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उन्हें आनन-फानन में जेद्दा शहर में अल सलाम पैलेस में स्थित रॉयल क्लीनिक में मेडिकल चेकअप के साथ इलाज शुरू हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक फेफड़ों का ये संक्रमण दूर नहीं हो जाता, तब तक एंटीबायोटिक दवाओं से किंग का उपचार किया जाएगा।
Lung इंफेक्शन से ग्रसित हैं किंग
अंतराष्ट्रीय मामलों पर नजर रखने वाली समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सऊदी के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज फेफड़ों में इंफेक्शन से ग्रसित हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से स्पष्ट किया गया है कि फेफड़ों में सूजन दूर होने तक एंटीबायोटिक्स ट्रीटमेंट के जरिए किंग का इलाज जारी रहेगा।
क्राउन प्रिंस का जापान दौरा स्थगित
सऊदी अरब के किंग सलमान बिन के स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जापान की अपनी यात्रा को पुनर्निर्धारित किया है। बता दें कि 20 मई को ही जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा के साथ क्राउन प्रिंस की बैठकें आयोजित थीं जिन्हें स्थगित कर दिया गया है। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने बैठक के स्थगन की घोषणा की है।
क्या है लंग इन्फेक्शन?
मनुष्य के शरीर में फेफड़ों में इन्फेक्शन तब होता है जब वायरस या बैक्टीरिया फेफड़े में विकसित होना शुरू हो जाते हैं। इन्फेक्शन धीरे-धीरे निमोनिया, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और टीबी जैसी गंभीर बिमारियों का रुप भी ले लेते हैं।
लक्षण– फेफड़ों में इन्फेक्शन के प्रमुख लक्षण बलगम में खून आना, सांस लेने में परेशानी या गले में दर्द होना हो सकता है।
लंग इन्फेक्शन से कैसे बचें?
लंग इन्फेक्शन से बचने के लिए लोगों को कुछ आवश्यक बचाव करने होंगे। इस बिमारी से बचने के लिए प्रमुख रुप से लोगों को धूम्रपान से दूर रहना होगा जो कि फेफड़ों की सूजन का एक मुख्य कारक होता है। इसके अलावा लोगों को तय समय पर टीकाकरण कराना चाहिए जिससे कि टीके फेफड़ों में सूजन पैदा करने वाली बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
लंग इन्फेक्शन से बचने के लिए लोगों को मास्क का उपयोग करने के साथ अपने हाथों को बार-बार धोना चाहिए जिससे कि श्वसन संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सके। वहीं प्रदूषण पर नियंत्रण रखना अति आवश्यक है ताकि फेफड़ों से संबंधित बिमारियों सो बचा जा सके।