Shahid Latif: पाकिस्तान के सियालकोट में बुधवार को पठानकोट एयरबेस पर 2016 में हुए खूंखार आतंकी हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की हत्या हो गई थी। अब इसको लेकर पाकिस्तान सरकार के सुर बिफरे पड़े हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि शाहिद की हत्या टार्गेट किलिंग के तहत हुई है। इस क्रम में ये भी बयान सामने आया है कि शाहिद की हत्या एक आतंकी हरकत है और प्रशासन हत्यारों की तलाश में जुट कर उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रही है। बता दें कि शाहिद की हत्या उस वक्त की गई जब वो सियालकोट के एक मस्जिद में नमाज अदा कर रहा था। इस दौरान अज्ञात हमलावर आए और उसे गोलियों से भून दिया। अब कहा जा रहा है कि पाकिस्तान शाहिद की हत्या को पचा नहीं पा रहा है और इस क्रम में ऐसे बयान जारी कर रहा है।
शाहिद की हत्या पर पाक का रुख
आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या के लेकर पाकिस्तान का रुख बदला नजर आ रहा है। इसको लेकर कहा गया है कि शाहिद की हत्या टार्गेट किलिंग के तहत की गई है। सरकार ने इसको लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं प्रशासन की माने तो इसे आतंकी हरकत बताते हुए मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों की तलाश जारी है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही लतीफ के हत्यारों को पकड़ा जाएगा।
बुधवार को हुई थी लतीफ की हत्या
आतंकी शाहिद लतीफ को बीते बुधवार के दिन अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून दिया। दरअसल लतीफ पाकिस्तान के सियालकोट की नूर मदीना मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। इसी दौरान उस पर हमला किया गया। दावा किया जा रहा है कि हत्यारों ने उस पर गोलियां बरसाई और फिर मौके से फरार हो गए। लतीफ पर हुए हमले के दौरान उसका भाई भी उसके साथ था जो कि गंभीर रुप से घायल बताया जा रहा है।
मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था लतीफ
पाकिस्तानी शाहिद लतीफ भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। भारत सरकार ने उसे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी घोषित किया था। बता दें कि लतीफ पठानकोट एयरबेस पर 2016 में हुए खूंखार आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था। इस दौरान आतंकियों ने पठानकोट में भारतीय वायुसेना एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें 7 सुरक्षाबल के जवान शहीद हुए थे और साथ ही एक नागरिक की भी मौत हो गई थी। इस आतंकी हमले का नेतृत्व लतीफ ने ही किया था।
भारत से रिहा हुआ था लतीफ
खबरों की माने तो लतीफ वर्ष 1993 में हकार-उल-अंसार आतंकवादी समूह के आतंकी के तौर पर पीओके से कश्मीर में दाखिल हुआ था। इसके बाद से वर्ष 1994 में भारत सरकार ने इसे आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार कर जम्मू की कोल बलवल जेल भेज दिया था। हालाकि आतंकी शहीद लतीफ को वर्ष 2010 में भारत सरकार ने रिहाकर पाकिस्तान भेज दिया था। ये कदम पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में किया गया प्रयास था।
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