Sudan Crisis: सूडान में इन दिनों गृह युद्ध छिड़ा हुआ है। यहां की सेना और पैरामिलिट्री आमने – सामने हैं। इस युद्ध में बताया जा रहा है कि सैकड़ों लोग मारे गए हैं जबकि हजारों घायल हैं। ऐसे में भारत के भी लोग सूडान में फसे हुए हैं। विदेश मंत्री के द्वारा लगातार लोगों के सुरक्षा की जानकारी ली जा रही है। वहीं गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सूडान के मौजूदा हालत के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि सूडान में फसें भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जानकारी दिया है कि सूडान की राजधानी के समीप ही भारतीय दूतावास है। यही पर ही लड़ाई भी छिड़ी हुई है ऐसे में इस इलाके में जाना भी खतरनाक है। अभी वहां की जमीनी स्थिति के बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है। जल्द ही। हम वहां जाएंगे और स्थिति के बारे में अवगत करवाएंगे। वहीं भारत की तरफ से यमन में हुए भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों को लेकर भी शोक जताया गया है।
प्रवक्ता बागची ने बताया कि हम सूडान में फसे हुए भारतीयों को लेकर चिंतित है इसके साथ ही नजर भी बनाए हुए हैं। भारतीय लोगों से भी समय – समय पर संवाद किया जा रहा है। इसके साथ ही मौजूदा हालात को लेकर विदेशी भागीदारी पर भी बात की जा रही है। सूडान में छिड़े इस जंग में एक भारतीय की मौत भी हो गई है। वहां के हालात बहुत ही नाजुक हैं ऐसे में लागतार लोगों को खुद भी सुरक्षित रहने के लिए कहा जा रहा है।
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लोगों की सुरक्षा को लेकर हैं चिंतित
मीडिया से बात करते हुए आगे प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा हम सुरक्षा कारणों की वजह से वहां फसे भारतीयों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं। वहां फसे लोगों की सुरक्षित भारत लाना हमारी पहली जिम्मेदारी है। हमारे पास लगातार वहां फसे हुए लोगों के कॉल आ रहे हैं। वहीं लोगों को वहां से बाहर निकाले जाने को लेकर उन्होंने कहा कि जहां तक लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का सवाल है तो जैसे ही वहां के हालात सुधरते हैं तुरंत लोगों को निकाल लिया जाएगा।
सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर हम आपात स्थिति में भी वहां से लोगों को निकालने के लिए तैयार हैं। इस तरह के अभियान में लोगों को निकालने के लिए जमीन या हवाई मार्ग के द्वारा ही निकाला जा सकता है। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव से भी मिलेंगे। वहीं भारत सरकार की तरफ से दोनो ही गुट के नेताओं से भी संपर्क करने की कोशिश की गई है।
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