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Syria Civil War: दशकों बाद सेना ने HAT के आगे डाले हथियार! राष्ट्रपति Bashar al-Assad सीरिया छोड़ भागे; रिपोर्ट

Syria Civil War: आपको बता दें कि दशकों बाद विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है, और तेजी से आगे बढ़ रहे है।

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Syria Civil War
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Syria Civil War: HTS विद्रोहियों ने सीरिया के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। इसी बीच कई रिपोर्टस यह दावा कर रही है कि सीरिया के राष्ट्रपति Bashar al-Assad देश छोड़कर दूसरे देश भाग चुके है। बता दें कि 27 नवंबर को शुरू हुआ विद्रोहियों और सेना के बीज गृह युद्ध एक भयानक रूप ले चुका है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में घुसने के बाद हयात तहरीर अल-शाम विद्रोही गुट ने एक बयान में कहा, “हम आज, 12-8-2024 को इस अंधेरे युग के अंत और सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत की घोषणा करते हैं।”

Syria Civil War के बीच देश छोड़ भागे Bashar al-Assad

बता दें कि बीते कई दिनों से विद्रोहियों और सेना के बीच Syria Civil War शुरू है। हयात तहरीर अल-शाम विद्रोही गुट ने सीरिया के 4 से अधिक शहरों पर कब्जा कर लिया है। वहीं विद्रोही गुट राजधानी दमिश्क में भी धीरे- धीरे अपना पैर पसार रहे है। वहीं कई रिपोर्टस के मुताबिक सीरिया के राष्ट्रपति Bashar al-Assad देश छोड़ भाग चुके है। गौरतलब है कि विद्रोही तेजी से आगे बढ़ रहे है। वहीं सेना के मुताबिक देश में राष्ट्रपति की सत्ता खत्म हो चुकी है। साथ ही सीरियाई पीएम ने विद्रोही गुटों को सत्ता सौंपने का प्रस्ताव दिया है।

दशकों बाद सीरिया में होगा विद्रोहियों का राज

देश में जारी Syria Civil War के बीच वहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आगे घुटने टेंक दिए है। जिसके बाद माना जा रहा है कि अब हयात तहरीर अल-शाम विद्रोही गुट का राज होने वाला है। बता दें कि इससे पहले भी साल 2011 में भी एक ऐसा ही गृह युद्ध देखने को मिला था। वहीं ईरान ने सीरिया का साथ छोड़ते हुए अपने सैन्य कमांडरों, रिवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़े लोगों, राजनयिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को निकालना शुरू कर दिया है।

Syria Civil War के बीच भारत ने अपने नागिरकों के लिए जारी की एडवाइजरी

आपको बताते चले कि बीते दिन यानि 7 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए अगले आदेश तक लोगों को सीरिया जानें से मना कर दिया है। इसके अलावा वहां पर रहे रहे भारतीय नागरिकों के लिए ई-मेल और फोन नंबर जारी किया गया है ताकि वह वहां के उच्चायुक्तों तो अपनी स्थिति की जानकारी दे सकें।

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