US 9/11 Attack: 11 सितंबर 2001 का वो भयावह दिन जब ज़हन में आता है तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बता दें कि ये वो दिन है जब चरमपंथियों ने न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की इमारतों पर अमेरिकी यात्री विमानों को टकराया था। इस भयावह घटना से पूरी दुनिया दहल गई थी और इसे मानवता पर सबसे बड़े हमलों में से एक करार दिया गया था। बता दें कि इस भीषण हादसे में करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी।
इस हमले को आतंकी संगठन अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन द्वारा फंड किया गया था। इस संबंध में बता दें कि इसे अब भी दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी हमलों में से एक कहा जाता है। आज 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए इस आतंकी हमले को 22 वर्ष पूरे हो गए हैं। ऐसे में हम आपको इससे जुड़ी कुछ जानकारियां देने की कोशिश करेंगे।
इन वजहों से हुआ था हमला
खबरों की मानें तो इस हमले को चरमपंथी समूह अल क़ायदा ने अंजाम दिया था। इस संबंध में कहा जाता है कि इसे अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के दिशा निर्देश में अफ़ग़ानिस्तान से अंजाम दिया गया था। ओसामा बिन लादेन उस दौर में मुस्लिम देशों में छिड़े संघर्ष से खफा था और इसके लिए वो विश्व के शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका और उसके मित्र देशों को इस संघर्ष के लिए जिम्मेदार मानता था। इसी कारण से लादेन ने इस हमले को अंजाम दिया जिसमें करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी।
हमला में शामिल थे इस्लामी चरमपंथी
बता दें कि अमेरिका पर हुए इस हमले में इस्लामी चरमपंथी समूह अल क़ायदा शामिल था। आतंकी ओसामा बिन लादेन के दिशा निर्देश में हुए इस आतंकी हमले में दुनिया भर से चरमपंथी शामिल थे। इसमें 15 चरमपंथी सऊदी अरब से थे, 2 संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य थे। वहीं इसके अतिरिक्त एक चरमपंथी मिस्र और एक लेबनान से संबंध रखता था। बता दें कि कुल 19 आतंकियों ने मिलकर इस भीषण हमले को अंजाम दिया था। हालाकि अमेरिका ने इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए इस हमले के मास्टरमाइंड ख़ालिद शेख़ मोहम्मद को 2002 में पाकिस्तान से हिरासत में ले लिया था। वहीं इसके बाद से लादेन की खोज लगातार जारी रही और उसे भी अमेरिका ने 2011 में एबटाबाद में मार गिराया।
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