Thursday, October 24, 2024
Homeख़ास खबरेंक्या दुनिया से Dollar के दबदबे को खत्म कर सकते हैं BRICS...

क्या दुनिया से Dollar के दबदबे को खत्म कर सकते हैं BRICS देश? जानें US के लिए क्यों है चिंता का विषय?

Date:

Related stories

World Polio Day 2024: क्यों नहीं भारत के दिखाए राह पर चलकर पोलियो मुक्त हो जाता Pakistan? जानें इस खतरनाक बिमारी के नुकसान?

World Polio Day 2024: देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज यानी 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जा रहा है। विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day 2024) का उद्देश्य पोलियो बिमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके खिलाफ जंग छेड़ने वालों की सराहना करना है।

BRICS vs NATO: PM Modi, Xi Jinping समेत 36 राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी कर रहे Putin, क्या America के लिए चिंता का विषय?

BRICS vs NATO: रूस के 8वें सबसे अधिक आबादी वाले शहर कजान (Kazan) में आज दुनिया के तमाम ताकतर राष्ट्राध्यक्षों का जमावड़ा लगा है। वोल्गा और काजानका नदी के संगम पर स्थित कजान की सुरक्षा व्यवस्था भी चका-चौंध है।

Air India यात्रियों के लिए Gurpatwant Pannun का धमकी भरा संदेश! SFJ संस्थापक के बयानों पर US की चुप्पी का राज क्या?

Gurpatwant Pannun: खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस-SFJ (प्रतिबंधित) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

Valmiki Jayanti 2024: महर्षि वाल्मिकी का आध्यात्मिकता और दर्शन पर प्रभाव क्यों है अहम?

Valmiki Jayanti 2024: महाकाव्य व पवित्र ग्रंथ के रूप में देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके रामायण का जिक्र होते ही महर्षि वाल्मीकि का नाम सामने आता है। महर्षि वाल्मिकी ने ही इस महाकाव्य की रचना की थी।

US Dollar vs BRICS Currency: रूस (Russia) के कजान शहर में आयोजित 16वें BRICS Summit का समापन आज यानी 24 अक्टूबर को होना है। कजान (Kazan) में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ने दुनिया के समक्ष चर्चा का एक नया विषय दे दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने ब्रिक्स देशों को अपनी-अपनी करेंसी में कारोबार करने पर जोर दिया है। इसके अलावा ब्रिक्स देशों की एक अलग करेंसी को लेकर भी चर्चा छिड़ी है। (US Dollar vs BRICS Currency)

दावा किया जा रहा है कि इस कदम से ब्रिक्स देश (BRICS Countries) अपनी करेंसी का जोर दुनिया में रखना चाह रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो ये अमेरिका (US) के लिए बड़ा झटका होगा और इसका असर Dollar के दबदबे पर पड़ता नजर आ सकेगा। हालाकि ऐसे आसार जताना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि ब्रिक्स मुद्रा कब जारी करेगा या नहीं करेगा, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।

दुनिया में US Dollar का कितना दबदबा?

अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की पहचान वैश्विक मुद्रा के रूप में है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार की बात करें तो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में डॉलर और यूरो काफी अहम हैं और इनकी स्वीकार्यता अन्य की तुलना में ज्यादा है। आंकड़े के मुताबिक दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों में जो विदेशी मुद्रा भंडार होता है उसमें 65 फीसदी से ज्यादा अमरीकी डॉलर हैं। डॉलर की मजबूती अमेरीका के अर्थव्यवस्था को दर्शाती है और इसके दबदबे का प्रतीक है।

अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार की बात करें तो इसमें भी डॉलर का प्रभुत्व नजर आता है। वर्ष 2023 से पहले तक लगभग 100 फीसदी पेट्रोलियम का कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता था। हालाकि बीतते समय के साथ ये तस्वीर बदली और तेल व्यापार का करीब पांचवां हिस्सा यानी 20 फीसदी गैर अमेरिकी मुद्राओं से किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय तेज बाजार के अलावा अन्य ज्यादातर देशों में भी आयात-निर्यात के लिए डॉलर के रूप में ही भुगतान किया जाता है। ऐसे में यदि ब्रिक्स देशों की ओर से एक वैकल्पिक मुद्रा लाई गई तो इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंच सकता है और असर डॉलर के दबदबे पर पड़ सकता है।

US Dollar vs BRICS Currency को लेकर क्यों छिड़ी चर्चा?

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सदस्य देशों को अपनी करेंसी पर जोर देने का सुझाव दिया। इसके अलावा ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रिका) द्वारा अपनी करेंसी की संभावना तलाशने की भी बात सामने आई।

बता दें कि ब्रिक्स देश, मिडिल इस्ट (Middle East) में उपजे संघर्ष को लेकर सतर्क हैं। दावा किया जा रहा है कि मिडिल इस्ट में छिड़ी जंग के कारण आगामी समय में वैश्विक वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि अमेरिकी डॉलर और यूरो पर वैश्विक निर्भरता को कम करने के लिए ब्रिक्स देश अपनी करेंसी पर जोर देने की बात कह रहे हैं।

तमाम कयासबाजी से इतर हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ब्रिक्स करेंसी को लेकर अभी किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं सामने आई है। ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगी कि ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लॉन्च कर सकते हैं या वैश्विक बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं। हालाकि ब्रिक्स करेंसी को लेकर छिड़ी गहमा-गहमी ने दुनिया के समक्ष चर्चा का एक नया और असरदार मुद्दा अवश्य दे दिया जिस पर सबकी निगाहें टिकी नजर आ रही हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories