US H-1B Visa: दुनिया के ताकतवर देशों में से एक अमेरिक में काम करने के लिए एच-1बी वीजा की आवश्यकता होती है। आपको बता दें कि अमेरिकी सरकार ने यूएस में रहने वाले आईटी प्रोफोशनल्स को एक बड़ा तोहफा दिया है। बाइडन सरकार ने एच-1बी वीजा के पात्र आवेदकों के लिए घरेलू नवीनीकरण का पायलट कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति दे दी है।
जानें क्या है US H-1B Visa
इस कार्यक्रम को प्रबंधन और बजट कार्यालय यानी ओएमबी की देखरेख में चलाया जाएगा। ऐसे में अमेरिकी सरकार का ये फैसला कई भारतीयों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है। ये अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को स्पेशल बिजनेसेस में नियुक्त करने की अनुमति देता है।
भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को मिली राहत
मालूम हो कि अमेरिकी की कई तकनीकी कंपनियां भारत और अन्य देशों से इस वीजा के जरिए नियुक्त करती हैं। एच-1बी वीजा के योग्य आवेदको के लिए शुरुआती 20 हजार प्रतिभागियों तक के लिए ये सीमित होगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बाइडन सरकार के इस फैसले के बाद अब कई भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को इससे लाभ हो सकता है। 15 दिसंबर को सूचना और नियामक मामलों के कार्यलय की समीक्षा द्वारा पायलट मंजूरी के तहत एच-1बी वीजा के पात्र आवेदकों को वीजा को रिन्यू करने के लिए विदेश यात्रा नहीं करनी होगी।
कितना कारगर साबित होता ये कदम
अमेरिका के उप सहायक सचिव जूली स्टफट ने कहा, भारत में अमेरिकी वीज़ा के लिए मांग अभी भी बहुत अधिक है। छह, आठ और 12 महीने का वेटिंग समय वह नहीं है जिसकी हमें आवश्यकता है और ( यह इस बात का संकेत नहीं है कि हम भारत को कैसे देखते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारतीय यात्रियों को जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट मिल सके। हम ऐसा करने का एक तरीका घरेलू वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम के माध्यम से कर रहे हैं, जो भारत पर बहुत अधिक केंद्रित है। हम इसका संचालन कर रहे हैं।”
भारत को मिलेगा इससे फायदा
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में ये 20 हजार प्रतिभागियों के लिए है। मगर धीरे-धीरे इसे आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस कदम से भारत को काफी लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम के बाद अब भारतीयों को वीजा नवीनीकरण के लिए वापस भारत या किसी और देश में नहीं जाना होगा।
मालूम हो कि ये घरेलू नवीनीकरण के लिए पायलट कार्यक्रम सिर्फ वर्किंग वीजा के लिए है। कुछ समय पहले तक अमेरिका में स्टैंपिंग की अनुमति थी, मगर सुरक्षा की दृष्टि से इसे 16 जुलाई 2004 को बंद कर दिया गया। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिकी के अंदर से बायोमेट्रिक इकट्टठा करना उनके लिए संभव नहीं था।
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