Friday, November 22, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पाकिस्तानी महिलाओं ने निकाला वूमेन मार्च, मर्द हमें क्यों समझते है खिलौना

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Burqa Ban: सोशल मीडिया पर आज फिर एक बार 'बुर्का' को लेकर चर्चा छिड़ी है। इसकी खास वजह है कि स्विटजरलैंड (Switzerland) द्वारा उठाया गया एक कदम। दरअसल, स्विटजरलैंड ने हिजाब या बुर्का (Burqa Ban) पहनने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है।

Women In Pakistan: बीते 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे दुनिया में धूधाम से बनाया गया। भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम किए गए थे। बता दें कि पीएम मोदी ने महिला दिवस पर महिलाओं को शुभकामनाएं दी थी। लेकिन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं ने वूमेन मार्च निकाला, जिसका नाम था मेरा जिस्म मेरी मर्जी। इसी बीच एक बार फिर पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल नैला पाकिस्तानी रिएक्शन अपने लोगों के बीच आया और उनके व्यूज जाने। आईए देखते है वीडियो में पाकिस्तानी महिलाओं के रिएक्शन।

Women In Pakistan की स्थिति खराब होती जा रही है

रिपोर्टर ने एक महिला से सवाल पूछा कि “आप औरत मार्च का हिस्सा और आप क्या पेगाम देंगे पाकिस्तान के हुकुमत को इस पर महिला ने कहा पूरी दुनिया में औरतों की स्थिति अच्छी हो गई है। और पाकिस्तान में औरतों की स्थिति और खराब होती जा रही है। यहां स्कूल भेजने की जगह कम उमर में लड़कियों की शादी कर दी जाती है”।

चाइल्ड मैरिजन बहुत ज्यादा होती है

वूमेन मार्च में शामिल रिपोर्ट ने दूसरी महिला से पूछा कि “हमारे पड़ोसी मुल्क इंडिया में भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। शादी की उमर 22 साल कर दी गई है। हम लोगों की तरह वहां की महिलाएं सड़को पर मार्च नही करती है। इस पर महिला ने कहा कि हम अपने आप की भारत से तुलना नही कर सकते है। (Women In Pakistan) उनकी आबादी हम लोगों से कही ज्यादा है। वहां की मीडिया बहुत कंट्रोल में है। हमारे यहां चाइल्ड मैरिज बहुत ज्यादा होती है। हमारे यहां लॉ तो बन गए है लेकिन लागू नही हो रहा है।

Women In Pakistan को समानता अधिकार देना चाहिए

रिपोर्टर ने एक और महिला से पूछा कि “आप जो प्ले कार्ड दिखा रही है इसका मकसद क्या है? महिला ने कहा कि इसका मतलब है कि जहां भी फैसले किए जाते है, वहां औरतो को बिठाया जाए। जैसे संसद, कोर्ट इत्यादि, जितना हक मरदों को फैसले लेना का हक है, उतना ही हक महिलाओं का फैसले करने का है”।

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