Mumbai Court News: दो लोगों (मनुष्यों) के खींचतान में अक्सर जानवर को ही देखा जाए तो सबसे अधिक सजा मिलती है। परिवार बिछड़ने के बाद हमेशा देखा गया है कि पालतू जानवरों को कोई भी रिस्पोनबिलिटी नहीं लेना चाहता। ऐसे में बड़ी खबर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से आ रही है। जहां अदालत ने घरेलू हिंसा मामले में फैसला सुनाते हुए एक महिला के पति को 50,000 रुपये गुजारा भत्ता देने की बात कही है। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी हालत में महिला के कुत्तों को भोजन पानी का भी खर्चा पति को देना होगा।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बांद्रा (मुंबई) अदालत का है। यहां कोर्ट ने अंतरिम आदेश में एक व्यक्ति को उससे अलग रह रही 55 वर्षीय पत्नी को 50,000 रुपए प्रति महीने गुजारा भत्ता देने का हुक्म सुनाया। जिसमे यह भी शामिल है कि महिला के साथ रह रहे उसके तीन पालतू कुत्तों का भी खर्च पति को देना होगा । दरअसल महिला ने कोर्ट में बताया था, उसका सहारा यही तीन कुत्ते हैं। इसके अलावा उसको स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी है। ऐसे में वह इन्हीं तीन कुत्तों पर निर्भर रहती है।
वहीं जानकारी के मुताबिक महिला की शादी सितंबर 1986 में बेंगलुरु के एक कारोबारी के साथ हुई थी। ऐसे में शादी के कई साल बीत जाने के बाद दोनोें में अनबन शुरु हो गई। और उन्होंने साल 2021 में तलाक ले लिया । ऐसे में तब से यह महिला पति से अलग रह रही थी। ऐसे में पति ने अपील दायर की थी, कि वह कुत्तों को पैसा नहीं देगा।
कोर्ट ने अपने बयान में क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों की मानें तो बांद्रा कोर्ट मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘मैं इन दलीलों से सहमत नहीं हूं। पालतू पशु भी एक सभ्य जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा हैं। मनुष्य के स्वस्थ जीवन के लिए पालतू पशु आवश्यक हैं क्योंकि वे रिश्तों के टूटने से हुई भावनात्मक कमी को दूर करते हैं.’’ अदालत ने कहा कि इसलिए गुजारा भत्ते की राशि को कम करने या फिर उसे हटाने का यह आधार नहीं हो सकता।
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