Author : Anshika Shukla Date : 11-01-2024
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अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन करीब आता जा रहा है , कुछ लोगों के मन में ये विचार भी उठ सकता है कि मूर्ती में प्राण या जीवन कैसे दिया जाता है ? आगे जानें
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प्राण प्रतिष्ठा के जरिये ही पत्थर की मूर्ति को देवता में बदला जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही विग्रह में विराजे भगवान अपने भक्तों की प्रार्थना स्वीकार कर वरदान देते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रतिमा को कई चरणों से गुजरना होता है।
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पहले चरण में शोभा यात्रा होती है, जो मंदिर के के आस-पास के क्षेत्र में निकाली जाती है। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की शोभा यात्रा 17 जनवरी को निकाली जाएगी।
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शोभा यात्रा के बाद मूर्ती के अनुष्ठान शुरू होते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंत्र जाप किया जाता है, जो मूर्ति में देव के जीवन को स्थापित करने के लिए होती है।
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प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति तैयार करने के लिए कई अधिवास आयोजित किए जाते हैं। इनमें मूर्ति को अलग-अलग सामग्रियों में डुबोया जाता है।
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ये सबसे महत्वपूर्ण समारोह होता है। इसमें देवता की आंखें खोली जाती हैं । मूर्ति के अनुष्ठानिक स्नान के बाद उसे जगाने का समय आता है। इस समारोह में भगवान की आंखों के चारों ओर सोने की सुई के साथ अंजन लगाया जाता है। इसके बाद मूर्ती में जीवन आ जाता है।
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आदर्श रूप से मंदिर के निर्माण पूरा होने से पहले मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए। लेकिन गंडकी नदी में पाए जाने वाले शालिग्राम और नर्मदा नदी में पाए जाने वाले शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं होती है।
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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन और रामलला की मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।