Author- Afsana 20/06/2024
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चाणक्य द्वारा लिखी गई नीतियों को लाखों लोग आज भी फॉलो करते हैं, जिससे वह अपना सुखद जीवन जी रहे हैं।
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चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में सभी विषयों के साथ अच्छी और श्रेष्ठ पत्नी बनने के विषय का भी उल्लेख किया है, चलिए उन नीतियों के बारे में जान लेते हैं।
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चाणक्य के अनुसार अच्छी पत्नी का सबसे पहला गुण है कि वह तन-मन धन से पूरी तरह साफ हो यानि मन में किसी भी तरह का खोट ना हो और यदि स्त्री ऐसा करती है तो वह श्रेष्ठ पत्नी के ओहदे से वंचित रह जाती है।
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जो वैवाहिक स्त्रियां अपने वचन को पूरा करती हैं और पति के साथ लिए गए वचन को पूरा करती हैं वे स्त्रियां श्रेष्ठ पत्नी मानी जाती हैं।
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चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का भी उल्लेख किया है कि जो महिलाएं अपने कार्य में निपूर्ण होती हैं, वह भी हमेशा श्रेष्ठ पत्नी होती हैं।
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चाणक्य कहते हैं जो पत्नियां अपने पति से प्रेम करती हैं और पूरे मन से वह अपने साथी की होती हैं तो इस तरह की पत्नियां भी श्रेष्ठ दर्जा पाती हैं।
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पति पत्नी के पवित्र रिश्ते में झूठ बोलने की आदत रिश्ते को बर्बाद कर सकती है, इसलिए हमेशा सच बोलने वाली पत्नी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
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चाणक्य अपनी नीति में इस बात का भी उल्लेख करते हैं कि पत्नी को अपने रिश्ते की मजबूती बढ़ाने के लिए जरूरी है कि वह पति से कुछ भी ना छिपाए।
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