Author- Afsana 1/07/2024
Credit- Freepik
Credit-Freepik+Google
अचार्या चाणक्य अपनी नीति में लक्षय को हासिल करने से लेकर तरक्की की राह पर चलने की कुछ खास नीतियों का उल्लेख करते हैं। जिसे आज तक कई लोग अपने जीवन में अपना रहे हैं।
Credit-Freepik
आज हम चाणक्य की जिस नीति पर बात करने जा रहे हैं उसमें वह बताते हैं कि आज के समय में लोग अपने से विपरीत लोगों से जलन की भावना के साथ दुश्मनी भी करते हैं। चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से लोग हैं।
Credit-Freepik
चाणक्य बताते हैं कि मुर्ख लोग विद्वान मनुष्यों को अपना दुश्मन मान लेते हैं, जबकि ऐसा करना अर्थशास्त्र ने गलत बताया है और उनके अनुसार विद्वान लोगों से बैर रखना मुर्ख लोगों के लिए नुकसानदायक है।
Credit-Freepik
अक्सर दरिद्र मनुष्य अपने से विपरीत धनी व्यक्ति को हमेशा दुश्मन समझता है, लेकिन चाणक्य कहते हैं कि ऐसा करना गलत है। बल्कि निर्धन लोगों को भी मेहनत करके धनी बनने कि कोशिश करनी चाहिए।
Credit-Freepik
समाज में वेश्याओं को कोई सम्मान नहीं देता है जिस कारण वह महिलाएं अपने से ऊंचे दर्जे वाली महिलाएं यानि कुलीन स्त्रियों को अपना दुश्मन सझ लेती हैं, जबकि ऐसा करना भी चाणक्य ने गलत बताया है।
Credit-Freepik
चाणक्य कहते हैं कि विधवा महिलाएं सुहागन महिलाओं से जलन की भावना रखती हैं, जबकि ऐसा करने से भी चाणक्य कहते हैं विधवा महिलाएं अपना ही नुकसाना करती हैं।
Credit-Freepik
जो लोग जीवन में आलस के कारण अपने लक्षय या खुशी को हासिल नहीं कर पाते हैं वह हमेशा कामयाब लोगों से जलन करते हैं, लेकिन उन लोगों को चाहिए कि वह भी उनसे प्रेरित होकर अपना जीवन भी सुखद बनाए।
Credit-Freepik
चाणक्य कहते हैं कि आपको अपने जीवन में सफलता और सुखद जीवन पाना है तो उसके लिए आपको मेहनत के साथ धैर्य भी रखने की जरूरत है। साथ ही अपने से विपरीत लोगों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
Credit-Freepik