Author- Afsana  8/06/2024

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Chanakya Niti in Hindi: पुत्र का जीवन सवारने के लिए माता-पिता कभी ना करें ये गलती

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आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र

अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपनी नीति में संतान के विषय में भी कई ऐसी बताई हैं, जिनसे बच्चों के जीवन को सफल बनाया जा सकता है। इसी विषय में आज हम चाणक्य द्वारा पुत्र के विषय में बताई गई नीतियों को जानेंगे।

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अधिक लाड दुलार में ना रखें

लाड दुलास से पुत्रों में कई प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते हैं, जिसका कारण माता-पिता द्वारा दिया गया अधिक लाड दुलार होता है। इसलिए चाणक्य का कहना है कि पुत्रों को ज्यादा लाड में नहीं रखना चाहिए।

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गलती पर टोकना

चाणक्य अपनी नीति में ये भी बताते हैं कि यदि आपका पुत्र कुछ गलत काम करता है तो, आपको अपने पुत्र को उसकी गलती पर फौरन रोकना चाहिए और उसकी डांट-फटकार भी लगाते रहना चाहिए।

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दंड दें

 चाणक्य कहते हैं कि यदि आप अपने बालक की गलतियों को माफ करते रहेंगे तो वो एक दिन समाज के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए गलती पर दंड देने से पीछे ना हटें।

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बड़े-बड़े शोक की आदत

चाणक्य का कहना है कि अपने पुत्र को बचपन से ही महंगे तोहफों का शौकीन नहीं बनाना चाहिए, वरना ये आदत बच्चे को पूरी तरह बिगाड़ देती है।

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नजर अंदाज ना करें

अकसर माँ-बाप बच्चे के प्यार में उसकी गलतियों को नजर अंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से भी चाणक्य सख्त मना करते हैं। उनका कहना है कि पुत्र के प्रेम से बाहर आकर उसकी ताड़ना करनी भी जरूरी है।

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लड़ाई झगड़े से बचें

अकसर माता-पिता के बीच कलेश होते रहना स्वाभाविक है, लेकिन अपने बच्चे के सामने लड़ाई झगड़ा करने से वह भी इन सभी चीजों को सीखता है, जिससे बच्चे को दूर रखना चाहिए।

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मान-सम्मान दें

चाणक्य के अनुसार बच्चे के सामने सही भाषा और मान-सम्मान के साथ बात करनी चाहिए वरना बच्चे को भी बिगड़ने में अधिक समय नहीं लगेगा।

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