Author- Afsana  15/06/2024

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Chanakya Niti in Hindi: पुत्र की बेहतर परवरिश के लिए जरूरी है चाणक्य की ये 5 नीतियां

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चाणक्य की सफल नीति

चाणक्य ने अपनी नीति में पुत्र की अच्छी परवरिश के विषय में भी उल्लेख कर चुके हैं, जिसमें से चलिए आज हम आपको बताएंगे कि अर्थशास्त्री ने पुत्र के लालन-पालन को लेकर क्या कहा है।

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5 वर्ष के पुत्र से भरपूर प्यार करें

चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि आप अपने पुत्र को केवल 5 वर्ष की उम्र तक खूब प्यार करें, जिससे बच्चे और आपके बीच एक मजबूत और प्यार भरा रिश्ता कायम हो जाए।

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10 वर्ष के बच्चे की ताड़ना करें

जब बच्चा 10 वर्ष का हो जाए तो चाणक्य कहते हैं कि उसको आप डांट सकते हैं उसकी गलतियों पर उसे सजा भी जरूर दें, वरना बच्चा बिगड़ भी सकता है।

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गलती पर दें सजा

चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका पुत्र 10 वर्ष का होने पर भी गलतियां करता है या किसी को नुक्सान पहुंचाता है तो आपको उसे सजा जरूर देनी चाहिए।

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16 वर्ष के पुत्र के साथ  ऐसा करें बर्ताव

चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं जब आपका पुत्र 16 वर्ष का हो जाए तो उसके साथ आपको खुशी के साथ पेश आना चाहिए, हाथ नहीं उठाना चाहिए वरना आप दोनों के रिश्ते में इस उम्र में मन मुटाव बढ़ सकता है।

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पुत्र को मित्र बनाएं

जब पुत्र 16 वर्ष पार कर ले तब उसके साथ एक मित्र जैसा बर्ताव करना चाहिए, जिससे वो आपके साथ अपनी हर छोटी-मोटी बातों को शेयर कर सके।

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जरूरत से ज्यादा ना डाटें

इस उम्र में बच्चों का मानसिक बर्ताव पहले से काफी बदल जाता है, जिसके चलते आपको अपने बच्चों को डांटने से बचना चाहिए।

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परिवार की एहमियत सिखाएं

16वें साल के बच्चे को इस बात का एहसास कराएं कि उसका परिवार उसके लिए बेहद जरूरी है, और वे हमेशा उसके साथ खड़े हैं।

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