Author- Afsana 4/06/2024
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चाणक्य अपनी नीति में जीवन के कई राज को बताते हैं, जिससे उनके अनुसार जीवन को सुखद बनाया जा सकता है, इसी तरह चाणक्य ने अपनी नीति में कुछ दोस्तों से दूर रहने की भी सलाह दी है, चलिए जानते हैं।
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जो दोस्त आपके पीठ पीछे आपकी बुराई करता है, वो आपका सच्चा मित्र कभी नहीं हो सकता, इसलिए चाणक्य ने अपनी नीति में इस प्रकार के दोस्तों से दूर रहने की सलाह दी है।
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जितना घातक पीठ पीछे बोलने वाला दोस्त होता है उतना ही खतरनाक वो दोस्त भी हैं, जो आपके सामने मीठी-मीठी बातें करे और आपकी हां में हां मिलाए। इन लोगों से भी दोस्ती नहीं रखनी चाहिए।
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चाणक्य ने अपनी नीति में उन दोस्तों को भी आस्तीन का सांप बताया है जो आपके बेहद करीब होते हैं, क्योंकि उन दोस्तों को आपके जीवन के सभी रहस्य पता होते हैं, जो आपके विरुद्ध कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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चाणक्य कहते हैं सच्चे मित्र आपको सही राह की ओर ले जाते हैं, लेकिन वहीं जो मित्र आपको सही राह से भटकाने का काम करते हैं, वो आप के सच्चे मित्र नहीं दुश्मन के समान है।
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जो मित्र आपके पास केवल काम के समय ही आते हैं या आपसे सिर्फ अपना काम निकलवाना जानते हो तो ऐसे दोस्त भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
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चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में इन सभी दोस्तों को एक विष के घड़े के समान बताया है, जिसके मुंह पर दूध होता है और अंदर विष भरा होता है।
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चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में इन सभी प्रकार के दोस्तों की बात करते हुए बताया है कि आज के समय में बड़े-बड़े कुकर्म के पीछे खास दोस्तों का ही हाथ होता है, इसलिए खास मित्र के साथ भी संभल कर रहें।
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