Author- Afsana 22/06/2024
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आचार्य चाणक्य अपने द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र में सुखद जीवन के लिए कई बातों का उल्लेख करते हैं, इसी तरह उन्होंने गरीबी से मुक्त होने के भी कुछ नीतियों का उल्लेख किया है।
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चाणक्य का कहना है कि दान देने से गरीबी नष्ट हो जाती है, जिससे सभी को दान देने की भावना हमेशा रखनी चाहिए।
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चाणक्य लोगों को दान का सुझाव देने के साथ बताते हैं कि ऐसा करने से मनुष्य की दुर्गति समाप्त हो जाती है साथ ही ऐसा करने से जीवन के तमाम कष्ट भी दूर हो सकते हैं।
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चाणक्य का कहना है अगर आपको दरिद्रता से पीछा छुड़ाना है तो आपको दूसरे मनुष्य के साथ बेहद नम्रता के साथ पेश आना चाहिए, जिससे आपको ही लाभ होगा।
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मनुष्य को आर्थिक संकट से निजात पाने के लिए उसे खुद का ज्ञान भी बढ़ाने की जरूरत है, जिसकी मदद से वह जीवन में किसी भी मुकाम को हासिल कर गरीबी से राहत पा सकता है।
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मुर्ख मित्र आपको व्यापार में केवल आर्थिक नुकसान के अलावा कुछ लाभ नहीं दे सकते हैं, जिससे बेहतर है कि आप ऐसे मित्र के साथ कभी कोई व्यापार ना करें।
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चाणक्य का यह भी कहना है कि साफ मन रखकर दान देने वाले मनुष्य भी कभी निर्धनता का शिकार नहीं होते हैं।
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चाणक्य इन सभी बातों के साथ निर्धनता दूर करने का ये भी तरीका बताते हैं कि आप हमेशा ईश्वर पर भरोसा रखें इससे आप गरीबी से पनाह पा सकते हैं।
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