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भारत देश के अलग अलग हिस्सों में रंगो से भरा रंगोली सजाया जाता है

Author: Sunil Poddar Date: 08/11/2023

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अरिपान बिहार की लोकचित्र कला है, आंगन में जो चित्रकारी की जाती है उसे ‘अरिपन’ कहा जाता है. अरिपान मिथिला कला का एक प्रकार है जो की बिहार के मिथिला क्षेत्र में उत्पन्न हुई,

अरिपन रंगोली–बिहार

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रंगोली के पारंपरिक रूपों में से एक है और उत्तराखंड राज्य में प्रचलित है. यह पूजा के स्थानों और घरों के प्रवेशद्वार पर फर्श और दीवारों को सजाने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किये जाने वाली सजावटी कला प्रपत्र है.

ऐपण रंगोली–उत्तराखंड

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राजस्थान की लोक कला या चित्रकला को मांडना कहते हैं. इसे त्योहारों और मुख्य उत्सवों पर जमीन और दीवारों पर बनाया जाता है.

मांडना राजस्थान-

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बंगाल में अरिपन या रंगोली ‘"अल्पना’" नाम से प्रचलित है.

अल्पना बंगाल-

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उड़ीसा झोटी या चिता परंपरागत उड़िया कला है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोकप्रिय है

झोटी और चिता उड़ीसा

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केरल में रंगोली को कोलम कहते हैं. इसी शुभ अवसरों पर बनाया जाता है. खासकर ओणम पर्व के दौरान इसे बनाया जाता है।

कोलम केरल-

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आंध्र प्रदेश में बनाए जाने वाले अरिपन को मुग्गु कहते हैं।

मुग्गु आंध्र प्रदेश-

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उत्तर भारत की शुभ चिह्नों पर।कर्नाटक में रंगवल्ली के नाम से जाना जाता है।

कर्नाटक में रंगवल्ली

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भारत देश के तमिलनाडु स्थित रंगोली एक अलंकरण कला है जिसे कोल्लम कहते हैं,

तमिलनाडु में कोल्लम