Author: Amit Mahajan Date: 08/11/2023
Credit- Google Images
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सोशल मीडिया पर इन दिनों डीपफेक शब्द का खास इस्तेमाल हो रहा है, आखिर ये क्या है?
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डीपफेक को सिंथेटिक मीडिया कहते हैं, AI की मदद से स्पेशल मशीन लर्निंग के जरिए इसका उपयोग होता है
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डीप लर्निंग को दो फोटो या वीडियो दिए जाते हैं, जिन्हें देखकर वह उन्हें एक जैसा बना देता है
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AI इतनी सफाई से काम करता है कि डीपफेक वीडियो और फोटो बिल्कुल असली लगते हैं
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डीपफेक वीडियो और फोटो में हिडेन लेयर्स होते हैं, जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जा सकता है
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डीपफेक वीडियो पहचानने के लिए काफी बारीकी से ध्यान देना होगा, चेहरे के हाव-भाव और लिप सिंकिंग पर ध्यान देना होगा
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गलत फोटो और वीडियो बनाने साथ ही उसे शेयर करने पर सजा हो जुर्माना दोनों हो सकती है
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आईटी नियमों के तहत पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक का हर्जाना देना पड़ सकता है, साथ ही 36 घंटे के अंदर फोटो और वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटाना होगा
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