Author- DNP NEWS DESK 17/04/2024
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हिन्दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को बहुत ही गुणवान तथा गुणों का सागर कहा जाता है। इनके जीवन के हर मोड़ पर इन्हे कठिनाइयों का सामना करना पड़ा,परन्तु इन्होने कभी हार नहीं मानी।
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प्रभु श्री राम चंद्र जी के महान गुण हमे अपने जीवन को सफल बनाने की सीख देती है।आइए जानते है उनकी दी गई सीख।
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प्रभु श्री राम अपने धर्म को हमेशा आगे रखते है।उनके लिए धर्म से बढ़कर और कुछ भी नहीं है।
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प्रभु श्री राम ने हमेशा अपने हर रिश्ते के प्रति सम्मान तथा प्रेम व्यक्त किया है। राम जी ने अपने गुरुओं का भी मान रखा है।
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प्रभु श्री राम ने हमेशा ईमानदारी एवं सत्य का ही साथ दिया तथा हमे भी हमेशा सत्य की राह पर ही चलना चाहिए।
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प्रभु श्री राम के अनुसार हमे सदैव सभी के साथ हर परिस्थिति में विनम्र रहकर काम करना चाहिए।
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प्रभु श्री राम ने कभी किसी में फर्क तथा भेद-भाव नहीं किया,उन्होंने अपने से बड़े का सम्मान तथा अपने से छोटे का आदर किया है। उन्होंने सेवक से लेकर राजाओ तक सभी को समान माना है।
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प्रभु श्री राम को दया और करुणा की मूरत कहा गया है, उन्होंने सदैव सभी के प्रति करुण व्यवहार रखना सिखाया है।
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प्रभु श्री राम एक बहुत ही सच्चे मित्र रहे है।उन्होंने सुग्रीव से लेकर विभीषण तक सभी की मदद कर अपनी मित्रता निभाई है।
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प्रभु श्री राम एक आदर्श पति थे जिन्होंने अपनी पत्नी माता सीता का साथ कभी नहीं छोड़ा,बल्कि हर मोड़ पर उनका साथ दिया ।
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इतने बड़े राजा होने के बावजूद भी प्रभु श्री राम ने महल छोड़कर वनवास चुना और अपना जीवन यापन सादगी से किया।
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प्रभु श्री राम ना केवल एक प्रोत्साहित व्यक्ति थे बल्कि अपने प्रजा और बाकि के लोगो को भी प्रोत्साहित करते थे तथा उनका मार्गदर्शन करते थे।