Author- Sunil Poddar 17/12/2023

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भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है

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सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू

इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है।

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प्राचीन काल से चले आ रहे

यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं एवं विश्वासों का समुच्चय है।

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वेदों की रचना

हिन्दू धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिककाल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है।

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रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू.

इतिहास की बात करते हैं तो विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू. से मानी है

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ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद

अर्थात यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: माना यह जाता है कि पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद जि‍से वेदत्रयी कहा जाता था।

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राम के जन्‍म के पूर्व

मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन राम के जन्‍म के पूर्व पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था।पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था।

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6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद।

कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से 6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद।

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एक विकासशील धर्म

एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है

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ब्रह्मा, विष्णु, महेश

ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित अग्नि, आदित्य, वायु और अंगिरा ने इस धर्म की स्थापना की। क्रमश: कहे तो विष्णु से ब्रह्मा, ब्रह्मा से 11 रुद्र, 11 प्रजापतियों और स्वायंभुव मनु के माध्यम से इस धर्म की स्थापना हुई।