Author- Naaz Parveen 8/03/2024
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दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई, रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई, जिस घर मे मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उम्र उस घर को सजाने मे गुजर गई।
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हर घर की नींव कहलाती है महिला, घर को परिवार बनाती है महिला।
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नारी ही शक्ति है नर की, नारी ही शोभा है घर की, जो उसे उचित सम्मान मिले, घर में खुशियों के फूल खिलें।
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आप मुझे प्रेरित करती हैं, आप सशक्तिकरण का नाम हैं। आप हैं, तो यह हसीन दुनियां है, आपका होना हमारे लिए बड़ी ब्लेसिंग है। इस खास दिन पर आशा है, आपका दिन भी खास बना रहे।
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घर में रहते हुए गैरों की तरह होती हैं, लड़कियां धान के पौधों की तरह होती हैं।
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मां है वो, बेटी है वो, बहन है वो तो कभी पत्नी है वो, जीवन के हर सुख-दुख में शामिल है वो, शक्ति है वो, प्रेरणा है वो, नमन है उन सब नारियों को, जीवन के हर मोड़ पर हमारा साथ देती हैं वो
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हम जिन्हें जानते हैं, जिनके जैसे होने की कामना करते हैं, जिनके होने से हमारा अस्तित्व है, उन महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हैं।
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क्यों कहती है दुनिया की नारी कमजोर हैं, आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर है।
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वह ख्वाब बुनते-बुनते दिन की रोशनी से महरूम रह गई उसकी रातें भी बच्चों को सुलाने में ही गुजर गई जिस घर में नहीं है उसके नाम की तख्ती सारी उम्र उसकी उसी घर को सजाने में गुजर गई।
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ईश्वर की सबसे सुंदर रचना, औरत के हर रूप को प्रणाम. महिला दिवस की हार्दिक शुभकामना
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