त्रिशंकु शब्द के पीछे की कहानी क्या है?

Author-  Anjali Wala 21/03/2024

Credit- Google Images

त्रिशंकु शब्द की कहानी 

त्रिशंकु शब्द की कहानी काफी दिलचस्प है और इसका संबंध सूर्य वंश के राजा पृथु के पुत्र सत्यव्रत से है जो भगवान राम के पूर्वज थे।

White Line

Credit- Google Images

राजा सत्यव्रत की इच्छा

राजा सत्यव्रत की इच्छा स-शरीर स्वर्ग जाने की थी। ऐसे में उन्होंने गुरु वशिष्ठ से बात की लेकिन उन्होंने प्रकृति के नियम के विरुद्ध बताकर मना कर दिया।

White Line

Credit- Google Images

धन एवं प्रसिद्धि का लालच

सत्यव्रत अपनी ज़िद पर अड़े रहे और फिर उन्होंने ऋषि वशिष्ठ के ज्येष्ठ पुत्र शक्ति को अवाश्यक यज्ञ करने के लिए धन एवं प्रसिद्धि का लालच दिया।

White Line

Credit- Google Images

सत्यव्रत को श्राप

सत्यव्रत के इस दुस्साहस ने शक्ति को क्रोधित कर दिया उन्होंने श्राप दे दिया जिसके बाद उन्हें वन में भटकना पड़ा।

White Line

Credit- Google Images

विश्वामित्र से मुलाकात

फिर सत्यव्रत की मुलाकात विश्वामित्र से होती है जिनकी वशिष्ठ से प्रतिद्वंद्ता थी और वह उन्हें स- शरीर स्वर्ग पहुंचाने के लिए आवश्यक यज्ञ करते हैं।

White Line

Credit- Google Images

 स्वर्ग में हलचल

ऐसे में सत्यव्रत स्वर्ग की तरफ उठने लगे तो स्वर्ग में हलचल मच गई और देवताओं ने त्रिशंकु को वापस पृथ्वी की ओर फेंक दिया।

White Line

Credit- Google Images

बीच में लटक गए त्रिशंकु

त्रिशंकु बीच में लटक जाते हैं क्योंकि विश्वामित्र उन्हें गिरने से अपनी शक्तियों का प्रयोग कर बचा लेते हैं।

White Line

Credit- Google Images

एक नया स्वर्ग 

वहीं विश्वामित्र ने सत्यव्रत के लिए एक नया स्वर्ग बीच में ही बना दिया और त्रिशंकु को श्राप से मुक्त कर दिया।

White Line

Credit- Google Images

त्रिशंकु शब्द का प्रयोग 

त्रिशंकु शब्द का प्रयोग ऐसी ही परिस्थितियों के लिए किया जाता है जो निराधार लटकने का भाव प्रदर्शित करता है।

White Line

Credit- Google Images