भारत का राष्ट्रीय चिह्न क्यों बना अशोक स्तंभ

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सम्राट अशोक ने 250 ई.पू. सारनाथ में एक स्तम्भ बनाया था। जिसे अशोक स्तम्भ कहा जाता है और सारनाथ का स्तम्भ सारनाथ अशोका पिलर भी कहलाता है। 

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अशोक स्तंभ को भारत का राष्ट्रीय चिह्न के रूप में 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया। 

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अशोक के स्तंभ शिखर पर देवनागरी लिपी में “सत्यमेव जयते” लिखा है (सच्चाई एकमात्र जीत) जो मुनडका उपनिषद (पवित्र हिन्दू वेद का भाग) से लिया गया है। 

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इतना ही नहीं अशोक स्तंभ भारतीय सैन्य बल जैसे जल सेना, वायु सेना और थल सेना तीनों के ही यूनिफार्म में लगी होता है। 

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अशोक स्तंभ की यही विशेषता है कि इस स्तंभ में की गई कलाकृतियां बहुत ही प्राचीन और बिना किसी आधुनिक गैजेट के बनी हुई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के नए संसद भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संसद भव की छत पर लगाए गए 20 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ का अनावरण भी किया। 

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